हल्द्वानीः उत्तराखंड में पहली बार दिखाई दिया रेड हेडेड ट्रोगोन 

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Published By Shobhit Singh
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हल्द्वानी, अमृत विचार (अंकुर शर्मा)। उत्तराखंड में पहली बार प्रवासी पक्षी रेड हेडेड ट्रोगोन दिखाई दिया। यह नन्हा विदेशी मेहमान नंधौर वन्यजीव अभ्यारण्य के मछली वन के समीप मिला है। 
हल्द्वानी वन डिवीजन ने बीती दो से पांच फरवरी तक चार दिवसीय पक्षी सर्वे किया था। इस सर्वे में उत्साहित करने वाले नतीजे सामने आए हैं।

नंधौर रेंज के मछली वन के समीप एक पेड़ पर रेड हेडेड ट्रोगोन पक्षी दिखाई दिया है। यह ट्रोगोनाइड पक्षी के परिवार की एक प्रजाति है। यह मध्य नेपाल, दक्षिण पूर्वी एशिया, दक्षिण चीन से सुमात्रा के जंगलों में पाया जाता है। इस नन्हे परिंदे की विशेषता यह है कि इसका सिर और सीना लाल होता है। यह घनी शाखाओं में अकेले और जोड़े में भी शिकार करने से नहीं चूकता है। इसकी लंबाई 144 से 156 मिमी तक होती है। 

अमूमन ऊंचाई वाले जंगलों में रहना पसंद करता है। यह हिमालय की तलहटी में चौड़ी पत्ते वाले जंगलों, उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जंगलों में भी मिलता है। दक्षिण एशिया में 300 से 2600 मीटर ऊंचाई तक चौड़ी पत्ती वाले जंगलों में मिलता है। वन कर्मचारियों व पक्षी प्रेमियों ने इस मेहमान को कैमरे में कैद कर लिया है। अब इसको रिकॉर्ड डिजिटली भी सरंक्षित किया जा रहा है। इस पक्षी के मिलने से पक्षी प्रेमी व वन अधिकारी खासा उत्साहित हैं।

168 प्रजाति हुई रिकॉर्ड

हल्द्वानी वन डिवीजन में रेड हेडेड ट्रोगान के अतिरिक्त व्हाइड रम्पड वल्चर, इजिप्टियन वल्चर, स्टेपी ईगल, एलेक्जेंडरियन पैराकीट, हिमालयन ग्रिफिन, रिवर लैपविंग समेत 168 प्रवासी व स्थानीय पक्षी दिखाई दिए हैं। इनमें कई प्रजातियां अति दुर्लभ व दुर्लभ श्रेणी की है। इन सबका डाटा डिजिटली भी संरक्षित किया जा रहा है ताकि भविष्य में शोधार्थी व विशेषज्ञ इसका लाभ ले सकें। 

नंधौर अभ्यारण्य में मछली वन के समीप रेड हेडेड ट्रोगान पक्षी रिपोर्ट हुआ है। यह प्रवासी पक्षी उत्तराखंड में पहली बार दिखाई दिया है। ऐसे पक्षियों के दिखना अभ्यारण्य की जैव विविधता व प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं होने के संकेत हैं- ममता चंद, उप प्रभागीय वनाधिकारी, हल्द्वानी वन डिवीजन।