Up Budget Session 2023: बजट सत्र में बोले अखिलेश यादव- बिना समाजवाद के नहीं आएगा रामराज्य

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
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कहा- सीएम योगी बदलें अपना आर्थिक सलाहकार, जवाब दें कैसे बनाएंगे 1 ट्रिलियन इकॉनमी 

लखनऊ, अमृत विचार। यूपी विधानसभा में मंगलवार को आठवें दिन बजट सत्र की कार्रवाई जारी है। बजट सत्र में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को नीति आयोग द्वारा जारी आंकड़ों पर घेरा, साथ ही सरकार से कहा कि वो बताये कि कैसे प्रदेश को 1 ट्रिलियन  इकॉनमी स्टेट बनाएगी। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सीएम योगी को समाजवाद का अध्यन कर उसे लागू करना चाहिए क्योंकि बिना समाजवाद के रामराज्य नहीं लाया जा सकता है। अखिलेश ने कहा कि नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक जिस उत्तर प्रदेश को सीएम योगी नंबर एक बता रहे हैं वो असल में कई पायदानों में देश के दूसरे राज्यों से काफी नीचे है। उन्होंने सदन में जेंडर इक्वलिटी, हंगर इंडेक्स, इंडस्ट्री, लाइफ बिलो वाटर, क्लाइमेट एक्सचेंज, पीस एंड जस्टिस समेत कई कैटेगिरी के उदहारण इसको लेकर गिनाये। अखिलेश ने सीएम योगी से कहा कि आपको अपना आर्थिक नीति तय करने वाला सलाहकार बदल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड खराब है और उसे 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए 34 फीसदी की ग्रोथ रेट को हासिल करना होगा जो कि संभव नहीं है। अपनी बात के समर्थन में अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के सांख्यिकीय विभाग के डाटा से सम्बंधित उदाहरण भी दिए।  

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार का यह सातवां बजट है और हर साल सरकार ऐतिहासिक और सबसे बड़ा बजट पेश करने का दावा करती है। लेकिन इतने बजट पेश करने के बाद भी उप्र की स्थिति कई मानकों पर अभी सुधरी नहीं है। यादव ने नीति आयोग के आंकड़े गिनाये और कहा ''पूरे देश और उप्र की जनता को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना दिखाया जा रहा है। सरकार अगर यह सपना देख रही है तो उसे नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य की रिपोर्ट देखनी चाहिए कि उसमें उप्र की क्या स्थिति है।'' उन्होंने नीति आयोग की 2020-21 की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि रिपोर्ट में गरीबी की रेखा से नीचे वाले 28 राज्यों की सूची में उप्र नीचे से चौथे नंबर पर है। भुखमरी समाप्त करने में उप्र पांचवें नंबर पर है। गुड हेल्थ में नीचे से दूसरे नंबर पर है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में 18वें नंबर पर है। उन्‍होंने इन आंकड़ों के जरिये सरकार पर निशाना साधते हुए कहा '' सरकार को समाजवादी सिद्धांत को समझना होगा। सबका साथ, सबका विकास या राम राज्‍य बिना समाजवाद के संभव नहीं है।'' यादव ने 2023-24 के बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा कि इसमें न वर्तमान की समस्याओं का समाधान है और न ही भविष्य का रास्ता है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने वादा किया था कि किसानों की आय दोगुनी होगी लेकिन उस वादे का कोई भविष्य अभी तक नजर नहीं आया है। 

अपनी चर्चा में अखिलेश यादव ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने आंकड़ों को छुपाने और अपने बारे में सच्चाई को दबाने के लिए एक कंपनी की सेवाएं ली हैं। जिसके बदले उस कंपनी को 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने ओडीओपी योजना का बहुत प्रचार किया है। इसको लेकर हर जिले में कितना बजट आवंटित किया गया इसका जवाब सरकार को देना चाहिए। अखिलेश ने कहा कि जब इसको लेकर बजट ही नहीं दिया गया तो फिर इसके प्रचार का क्या मतलब है। अखिलेश ने कहा कि सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के जरिये 33 लाख करोड़ के निवेश आने की बात कही है जबकि इस इन्वेस्टर समिट स्थल पर कई दिनों से सफाई ही नहीं हुई है।       

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