लखनऊ: दलहन-तिलहन की पैदावार के साथ बढ़ेगी आय, कृषि विभाग ने पांच साल के लिए बनाई योजना
लखनऊ/अमृत विचार। जिले में गेहूं, धान, मक्का व सब्जियों के साथ दलहन-तिलहन की पैदावार बढ़ाई जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने पांच साल की कार्ययोजना बनाई है। जिसमें दलहन-तिलहन की खेती का रकबा हर वर्ष बढ़ाया जाएगा।
किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ दलहन-तिलहन के फायदे बताए जाएंगे और अनुदान व निशुल्क बीज भी योजनाओं के तहत दिए जाएंगे। दरअसल, अन्य जिलों की अपेक्षा लखनऊ का कृषि क्षेत्रफल कम है इस कारण पैदावार भी कम है। यह फसलें कम समय पर और कम लगात पर तैयार होंगी और दाम भी सामान्य से अधिक मिलते हैं। नए वित्तीय वर्ष से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
18,733 हेक्टेयर में होगा दलहन
जिले में 2021-22 में पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में तिलहन की खेती की गई थी। जो 2023-24 में 8435 हेक्टेयर में की जाएगी। इसी तरह अन्य वर्षों में क्षेत्रफल बढ़ाया जाएगा। वहीं, दलहन की बात करें तो 10 हजार क्षेत्रफल रकबा है। जो बढ़ाकर 2023-24 के लिए 18733 हेक्टेयर रखा गया है। तिलहन में 756 क्विंटल व दलहन में 7537 क्विंटल बीज योजनाओं के तहत वितरण का लक्ष्य रखा गया है। जिसकी मांग सरकार से की गई है।
तिलहनी फसलें : तिल, सरसों, अरंडी, मूंगफली, सोयाबीन व सूरजमुखी
दलहनी फसलें : मटर, चना, मसूर, राजमा, उडद, मूंग, अरहर
जिले में खेती की स्थिति
कृषि क्षेत्र : 1.35 लाख हेक्टेयर
गेहूं : 81 हजार हेक्टेयर
धान : 48 हजार हेक्टेयर
मक्का : एक हजार हेक्टेयर
मोटे अनाज के साथ दलहन-तिलहन की पैदावार बढ़ाने का सरकार ने लक्ष्य रखा है। जिसकी कार्ययोजना बनाई है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और जिले में पैदावार भी अधिक होगी। पांच साल तक किसानों को प्रोत्साहित करेंगे ...डॉ. एके मिश्रा, उप निदेशक कृषि, लखनऊ।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में दलहन-तिलहन की मांग ज्यादा है। इससे आयात व निर्यात बढ़ा है। इसमें दाम भी ज्यादा है। सरकार किसानों को प्रोत्साहित भी कर रही है। आमदनी बढ़ाने का उपयुक्त साधन है ...तेग बहादुर सिंह, जिला कृषि अधिकारी।
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