गोंडा : भूमि घोटाले में वांछित सब रजिस्ट्रार गिरफ्तार

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Published By Virendra Pandey
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गोंडा, अमृत विचार। जिले के बहुचर्चित भूमि घोटाले में वांछित चल रहे जिले के पूर्व सब रजिस्ट्रार को एसआईटी ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किया गया सब रजिस्ट्रार सौरभ सिंह घोटाले के मास्टरमाइंड बृजेश अवस्थी का बेहद करीबी रहा है और‌ फर्जी बैनामा कराने में सौरभ की अहम भूमिका रही है। पुलिस सौरभ को पिछले दो महीने से फरार चल रहा था। सब रजिस्ट्रार को गिरफ्तार करने वाली एसआईटी टीम को मंडल के आईजी ने 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। 

मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के धुसवा गांव के रहने वाले सौरभ सिंह सब रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत हैं।‌ जिले के सदर, तरबगंज व करनैलगंज तहसील  स्थित निबंधन कार्यालय में अपनी तैनाती के दौरान सौरभ सिंह ने नियमों को दरकिनार कर कई फर्जी बैनामा किया। सौरभ की जालसाजों से काफी मिलीभगत रही। अपनी तैनाती के दौरान वह काफी चर्चित भी रहे। सौरभ को जमीन घोटाले के मास्टरमाइंड बृजेश अवस्थी का करीबी बताया जाता है।

जमीन घोटाले को लेकर दर्ज कराए गए मुकदमें में सौरभ सिंह को भी नामजद किया गया था। इस मामले में पुलिस बृजेश अवस्थी, अनिल सिंह, राकेश त्रिपाठी व महेंद्र सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सौरभ सिंह को पुलिस काफी दिन से तलाश कर रही थी लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था। जमीन घोटाले की जांच के लिए जिले स्तर पर गठित एसआईटी की जांच टीम गुरुवार की रात से ही सौरभ की तलाश में उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी। लेकिन वह पुलिस टीम को चकमा दे रहा था। शुक्रवार को सौरभ एसआईटी टीम के हत्थे चढ़ गया। एसआईटी ने सब रजिस्ट्रार सौरभ सिंह को कलेक्ट्रेट गेट के पास अंबेडकर चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। सब रजिस्ट्रार को पुलिस गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में उपनिरीक्षक डिग्री प्रसाद गौतम, हेड कांस्टेबल अफजाल व कांस्टेबल पियूष गोस्वामी शामिल रहे। देवी पाटन मंडल के आईजी उपेंद्र अग्रवाल ने पुलिस टीम को 25 हजार का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। 

सब रजिस्ट्रार के घर से चलता था निबंधन कार्यालय

जिले में तैनाती के दौरान सब रजिस्ट्रार सौरभ सिंह की तूती बोलती थी। बैनामें से संबंधित चाहे जैसा काम हो बगैर सौरभ की इजाजत के नहीं हो सकता था। पूरा निबंधन कार्यालय सौरभ सिंह के घर से चलता था। जालसाज सौरभ के घर पर ही बैठकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करते थे और वहीं जमीन की  रजिस्ट्री हो जाती थी। सौरभ ने जिले ने ही नहीं अन्य कई जिलों के लोगों की फर्जी वसीयत गोंडा में रजिस्टर्ड कर दी थी। इसमें कई लोगों की मौत के बाद उनकी वसीयत‌ की रजिस्ट्री कर दी गई। 

सब रजिस्ट्रार सौरभ सिंह पर दर्ज हैं जालसाजी के 22 मुकदमें

कूटरचित दस्तावेजों के सहारे दूसरों की जमीन को हड़पने के खेल में शामिल रहे जिले के पूर्व सब रजिस्ट्रार सौरभ सिंह पर जालसाजी के कुल 22 मुकदमें दर्ज हैं।‌ इनमें से नगर कोतवाली में सात, तरबगंज में छह , मनकापुर में दो, करनैलगंज में दो व देहात कोतवाली, मोतीगंज,कौडिया, कटरा बाजार व उमरीबेगमगंज थाने में एक-एक मुकदमा दर्ज है।

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