प्रयागराज : बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर नाराजगी जताते हुए कर्मचारियों के खिलाफ वारंट जारी

प्रयागराज : बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर नाराजगी जताते हुए कर्मचारियों के खिलाफ वारंट जारी

प्रयागराज, अमृत विचार। यूपी बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष सहित कई पदाधिकारियों व कर्मचारी नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने सरकार को प्रदेश भर में जहां भी बिजली आपूर्ति बाधित है, वहां तत्काल व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही हड़ताली कर्मचारी, नेताओं और विभाग के अधिकारियों को आगामी सुनवाई पर तलब किया है। 

उक्त आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने अधिवक्ता विभु राय की जनहित याचिका पर दिया है। शुक्रवार की सुबह खंडपीठ के समक्ष बिजली कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए कहा गया कि गत वर्ष हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध करार देते हुए हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद भी वर्तमान हड़ताल की गई, जो कोर्ट के आदेश की स्पष्ट अवमानना है।

कोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि राज्य के लगभग सभी जिलों में बोर्ड की परीक्षाएं संचालित हो रही हैं और मौजूदा याचिका के अनुसार पूर्व पारित निर्देशों के विपरीत कर्मचारी संघ द्वारा हड़ताल का आवाहन किया जा रहा है, जो अदालतों के कामकाज सहित उत्तर प्रदेश राज्य में गतिविधि के सभी क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है।

इसके अलावा यह भी कहा गया कि यदि कर्मचारी संघ के पास कुछ शिकायतें शेष थीं, तो वे पूर्व पारित आदेश के संदर्भ में इस अदालत से संपर्क कर सकते थे और अपने मुद्दे शांतिपूर्वक ढंग से उठा सकते थे, लेकिन सार्वजनिक असुविधा की कीमत पर हड़ताल पर जाने की उनकी कार्यवाही अस्वीकार्य है। मालूम हो कि प्रदेश भर में विद्युत कर्मचारी कामकाज ठप कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसकी वजह से प्रदेश भर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था बाधित हो रही है।

वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने पाया कि लगभग 27 लाख बिजली कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन की योजना है और यदि किसी बिजली कर्मचारी को गिरफ्तार किया जाता है तो विरोध व हड़ताल अनिश्चितकालीन करने का भी प्रस्ताव है। हालांकि इस दौरान जिलों में प्रशासन ने कर्मचारियों पर कार्यवाही भी की है, लेकिन उसके बावजूद बिजली कर्मियों की हड़ताल जारी है। दिनांक 16 मार्च 2023 को संघर्ष समिति द्वारा जारी प्रेस नोट से यह ज्ञात होता है कि जब तक कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हो जाती है, तब तक विरोध जारी रहेगा। हड़ताल 16 मार्च रात 10 बजे से शुरू हो गई है। याचिका में संलग्न दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट परिसर में स्थित विद्युत सब स्टेशन में कोई कर्मचारी उपलब्ध न होने के कारण मजिस्ट्रेट और पुलिस द्वारा स्टेशन की रखवाली की जा रही है। 

इसके अलावा लोक सेवा आयोग कार्यालय के पास म्योहाल सब-स्टेशन की तस्वीरें भी साझा की गई है, जिसमें स्टेशन पर कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं दिख रहा है। मुख्य रूप से कोर्ट ने कहा कि भले ही कर्मचारियों द्वारा उठाए गए मुद्दे सही हों, फिर भी व्यापक जनहित को खतरे में डालकर पूरे राज्य को गंभीर बाधाओं से जूझने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है। वर्तमान याचिका की सुनवाई आगामी 20 मार्च को सूचीबद्ध की गई है।

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