गरमपानी: डामरीकरण व पैचवर्क उखड़ने के बाद अब गड्ढों में भ्रष्टाचार की मिट्टी

Amrit Vichar Network
Published By Shweta Kalakoti
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सरकारी धनराशि को ठिकाने लगाने का जरिया बनी ग्रामीण सड़के

अफसरों की कार्यशैली पर ग्रामीणों में रोष बीजेपी सरकार की जीरो टॉलरेंस की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां

गरमपानी, अमृत विचार। बेतालघाट ब्लॉक की ग्रामीण सड़कें सरकारी धनराशि को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। घटिया डामरीकरण व पैचवर्क उखड़ने के बाद अब सड़कों में मिट्टी डाल लीपापोती शुरु कर दी गई है। ग्रामीणों ने अफसरों की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई है। लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है।

बेतालघाट ब्लॉक में भाजपा सरकार के जीरो टॉलरेंस की कैसे धज्जियां उड़ाई जा रही हैं इसका जीता जागता उदाहरण बन चुकी हैं गांवों को जोड़ने वाली ग्रामीण सड़के। करोड़ों - लाखों रुपये की लागत से कुछ समय पूर्व ही सड़कों पर डामरीकरण किया गया पर घटिया गुणवत्ता के चलते कुछ दिनों में डामरीकरण जवाब दे गया लापरवाही छिपाने के लिए पैचवर्क का कार्य किया गया पर अब पैचवर्क की परतें भी उधड़ने लगी है।

सड़कों पर हो चुके गड्ढों पर पर्दा डालने के लिए विभाग ने नया तरीका ढूंढ निकाला है। ग्रामीण सड़कों की जांच शुरू होने के साथ ही अब गड्ढों पर मिट्टी डालना शुरू कर दिया गया है। रातीघाट - बेतालघाट मोटर मार्ग पर अफसरों की लापरवाही सामने आई है। जगह-जगह गड्ढे भरने के बाद अब मिट्टी से लीपापोती की जा रही है।

स्थानीय लाभांशु सिंह, हरेंद्र सिंह, कृपाल सिंह, विरेंद्र सिंह, मोहन सिंह आदि ग्रामीणों ने इसे भ्रष्टाचार करार दिया है। लापरवाह अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि यही हालात रहे तो फिर संबंधित अफसरों के खिलाफ ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।