अखिलेश यादव ने कसा तंज, कहा- भाजपा की वैक्सीन लेते ही सीबीआई-ईडी से मुक्ति

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। भाजपा सरकार ने पूरे देश को संकट में डाला है। भाजपा शासित राज्यों में अन्याय और अत्याचार हो रहा है, केंद्र सरकार भाजपा के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे राजनीतिक दलों पर प्रतिशोध के तहत ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी केंद्रीय एजेंसियों से छापे डलवा कर परेशान और छवि खराब करने का प्रयास कर रही है।

कोलकाता में ही रविवार को पत्रकारों से अखिलेश यादव ने कहा कि देश की जनता जानती है कि जो लोग भाजपा में शामिल हो जाते हैं, भाजपा की वैक्सीन ले लेते हैं, वह सीबीआई और ईडी से मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में किसानों, नौजवानों, कर्मचारियों, व्यापारियों सभी से झूठे वादे किए हैं। अब एक-एक करके उसकी झूठे वादों की पोल खुल रही है।

अखिलेश ने बताया कि कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और अमेठी में वहां के स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत की जाएगी और लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने पर विचार किया जाएगा। मालूम हो कि इन दोनों सीटों पर अभी तक सपा उम्मीदवार नहीं उतारती रही है। इसके बदले कांग्रेस भी मैनपुरी में उम्मीदवार नहीं उतारती थी। अब सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं।

सपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार से कोलकाता में शुरू हुई थी। पहले दिन की बैठक में उप्र. की राजनीति, आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर चर्चा हुई। बैठक में पार्टी नेताओं को धार्मिक पुस्तकों और धर्म से जुड़े संतों पर टिप्पणी से बचने और अति पिछड़ों को साधने पर जोर दिया गया।

जातीय जनगणना को मुद्दा बनाएगी
सपा आगामी दिनों में भी जातीय जनगणना को मुद्दा बनाएगी। पूरी पार्टी इस पर एक मत में दिखी। नेताओं का मानना था कि इसे मुद्दा बनाया जाए और लोगों तक लेकर जाया जाए। पार्टी के नेताओं ने शनिवार को कहा कि पार्टी के संगठन को और मजबूत किया जाए। संगठन जितना मजबूत होगा, पार्टी उतनी मजबूत होगी। बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए कई अहम कदम उठाए जाएंगे।

सभी वर्गों को साधने की बनी रणनीति
सपा ने रामचरित मानस की चौपाई के बहाने जातिगत फॉर्मूले के हिसाब से बंटवारा कर पिछड़ों को पक्ष में करने की मुहिम से पैर पीछे खींच लिए हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में धार्मिक पुस्तकों और धर्म से जुड़े संतों पर टिप्पणी से बचने का संदेश देकर समाज में किसी को भी छोड़ने की जगह सभी वर्गों को साधने की रणनीति पर बढ़ने का संदेश दिया गया है।

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