KGMU: प्लास्टर चढ़ाकर आसानी से ठीक होते हैं क्लब फुट के बच्चे, विशेषज्ञों ने दी जानकारी

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
On

अमृत विचार, लखनऊ। क्लब फुट (एड़ी के पास पैर का मुड़ना) एक बड़ी समस्या है। लेकिन लोग इसको लेकर जागरूक नहीं हैं। इस वजह से समय पर बच्चों का इलाज नहीं हो पाता है। जबकि प्लास्टर चढ़ाकर आसानी से इस बीमारी से निजात मिल जाती है। क्लब फुट पीड़ित बच्चा भी सामान्य बच्चों की तरह खेलता कूदता है। यह बातें केजीएमयू के प्रोफेसर अजय सिंह ने बताई। वह क्योर इंडिया इंटरनेशनल ट्रस्ट की ओर से रविवार को शताब्दी अस्पताल फेज-दो में आयोजित कराए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
 
आयोजक सचिव डॉ. सैयद फैसल अफाक ने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात बीमारी है जो लगभग एक हजार में एक नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है। भारत में हर साल लगभग 35,000 बच्चे क्लब फुट के साथ पैदा होते हैं। समय पर और उचित उपचार न मिलने पर बच्चा आजीवन अपंगता का शिकार बना रहता है। हालांकि, अगर 'पोंसेटी विधि' से समय रहते इलाज किया जाए, तो पैर पूरी तरह से ठीक हो जाता है। उन्होंने इस विधि के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की। कार्यक्रम में केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी, प्रो. विनीत शर्मा, कार्यकारी निदेशक एम्स भोपाल, डॉ. संतोष सिंह, सचिव यूपीओए डॉ. मैथ्यू वर्गीज, डॉ. अलारिक अरूजिस और डॉ. विकास वर्मा ने भी क्लब फुट बीमारी के इलाज के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।

ऐसे होता है इलाज
क्लबफुट जन्मजात बीमारी है। इसमें बच्चे का पैर एड़ी के पास मुड़ा होता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां भी मजबूत हो जाती हैं। ऐसे में कम उम्र में ही चिकित्सक पैर की एड़ी के पास प्लास्टर करते हैं। तीन से चार महीनों तक प्लास्टर के बाद एक छोटा सा ऑपरेशन पैर की फ्लेक्सीब्लिटी बनाए रखने के लिए किया जाता है। इसके बाद बच्चों को स्पेशल जूते दिए जाते हैं ताकि उनका पैर पूरी तरह से ठीक हो जाए।

ये भी पढ़ें -प्रयागराज: नैनी सेन्ट्रल जेल के हाई-सिक्योरिटी बैरक में अतीक को रखने का कड़ा निर्देश 

संबंधित समाचार