मुरादाबाद: एक करोड़ तक की सुपारी लेने वाले शार्प शूटर ने उधार में ली सीए की जान 

पुलिस के विरोधाभासी दावों से सीए हत्याकांड के पर्दाफाश पर उठे सवाल 

मुरादाबाद: एक करोड़ तक की सुपारी लेने वाले शार्प शूटर ने उधार में ली सीए की जान 

मुरादाबाद, अमृत विचार। सीए हत्याकांड के पर्दाफाश की पुलिसिया कहानी की चौपाल पर चर्चाएं शुरू हैं। पुलिस का दावा है कि महानगर के एक बड़े कारोबारी की हत्या की सुपारी एक करोड़ रुपये में लेने वाले शातिर शार्प शूटर ने सीए को मौत के घाट उतारा है। अब सवाल यह है कि व्यावसायिक दृष्टि से अपराध को जीवन यापन कर जरिया बना चुके शातिर बदमाश ने बिना पेशगी के इतना बड़ा जोखिम क्यों मोल लिया? सीए व कुशांक गुप्ता हत्याकांड से जुड़े कई अन्य बड़े सवालों का जवाब पुलिस को देना ही होगा।

सीए हत्याकांड से पूरी पीतलनगरी थर्रा गई थी। यहां सरेशाम व सरेराह हत्या की धमक प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक में महसूस की गई। शासन लगातार पुलिसिया जांच की निगरानी कर रहा था। महीनों हाथ लगने के बाद पुलिस ने सीए हत्याकांड का ऐसा पर्दाफाश किया, जिससे जुड़ी कई कड़ियां व सवाल अभी भी अनसुलझे हैं। पुलिस के मुताबिक 2019 में आहूजा ग्रुप के एमडी और पीएमएस (पंडित मदन स्वरूप) स्कूल के एजुकेशन ट्रस्ट के वित्तीय निदेशक मनोज आहूजा उर्फ मौजी की हत्या की साजिश रची गई थी। पीएमएस स्कूल की ट्रस्ट में पदाधिकारी बनने को लेकर पूर्व चेयरमैन ने एमडी की हत्या के लिए एक करोड़ की सुपारी तय की। साढ़े 11 लाख रुपये एडवांस के तौर पर शूटर को मिले थे।

मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने एक शूटर समेत वन विभाग के रिटायर्ड दारोगा और प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार किया था। शूटर के रूप में केशव शर्मा उर्फ राहुल निवासी गिंदौड़ा पाकबड़ा का नाम उजागर हुआ था। शुक्रवार को एसएसपी ने बताया कि सीए श्वेताभ तिवारी को मौत के घाट उतारने वाला भी केशव सरन शर्मा उर्फ राहुल है। ललित कौशिक के इशारे पर उसने सीए को गोली मारकर मौत के घाट उतारा। ऐसे में सवाल उठा कि आखिरकार सीए की हत्या के एवज में केशव सरन ने सुपारी के रूप में कितनी रकम प्राप्त की।

एसएसपी हेमराज मीना ने दो टूक कहा कि फिलहाल केशव ने सुपारी के रूप में कोई रकम नहीं ली। वह ललित कौशिक के साथ सीए व उनके साले की संपत्ति पर कब्जा जमाने की फिराक में था। एसएसपी के दावे से यह बात साफ होती है कि केशव फिलहाल खाली हाथ था। सीए की हत्या के एवज में उसे कोई रकम नहीं मिली। पुलिस के अब दूसरे दावों पर गौर करें।

एसएसपी ने बताया कि केशव बेहद शातिर व चालाक है। महानगर के मझोला, पाकबड़ा व सिविल लाइंस थाने के अलावा उत्तराखंड के देहरादून में हत्या, लूट, साजिश, आर्म्स एक्ट जैसे छह गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। केशव का अतीत बताता है कि वह एक प्रोफेशनल किलर है। यह मानने से पुलिस को भी गुरेज नहीं है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आरोपी ने उधार के रूप में किसी बड़ी सख्शियत को यूं ही मौत के घाट उतारने का जोखिम क्यों मोल लेगा?

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