चित्रकूट : अब राज्य सरकार के अधीन हुआ जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय

जगद्गुरु बोले, विवि परिवार के हित के लिए सौंपी सरकार को करोड़ों की संपत्ति

चित्रकूट : अब राज्य सरकार के अधीन हुआ जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय

चित्रकूट, अमृत विचार। जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा स्थापित दिव्यांग विवि को अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य राज्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने मेमोरंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर विवि को राज्य सरकार को सौंप दिया है। शुक्रवार को विवि आगमन पर उनका भावभीना स्वागत किया गया। 

जगद्गुरु ने कहा कि अब तक कथाओं से प्राप्त धनराशि से विवि संचालित किया है। लगभग 350 करोड़ की संपत्ति सरकार को कर्मचारियों और शिक्षकों के हित के लिए सौंप दी है। वह विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति बने रहेंगे। उनके जीवनकाल तक उनके अधिकार भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक-कर्मचारी अपने कामों में लापरवाही न करें अन्यथा कठोर कार्रवाई करेंगे। शुक्रवार को शिक्षकों-कर्मचारियों ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के आगमन पर ढोल-नगाड़ों  के साथ स्वागत किया।

उन पर पुष्पवर्षा की गई। शिक्षिकाओं ने आरती ,तिलक, पुष्प अर्पित कर चन्दन लगाकर अभिनंदन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। तुलसीपीठ के युवराज आचार्य रामचंद्र दास ने कहा कि अब यह विश्वविद्यालय राज्य सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा। अभिनंदन समारोह में पूर्व प्रोफेसर खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय प्रो. कामता प्रसाद त्रिपाठी  पीयूष ने संस्कृत भाषा में स्वरचित अभिनंदन पत्र पढ़ा। इस मौके पर कुलसचिव आरपी मिश्रा, कुलपति प्रो. योगेश चंद्र दुबे तुलसीप्रक्षा चक्षु बधिर विद्यालय कामतानाथ की प्राचार्या निर्मला वैष्णव, पीआरओ एसपी मिश्र, केशव कुमार आदि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : कानपुर : जागरण के नाम पर हुआ अश्लील डांस का आयोजन