28 साल का रिश्ता तोड़ राजा भैया लेंगे तलाक, साकेत फैमिली कोर्ट में सुनवाई 23 मई को

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Published By Deepak Mishra
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पत्नी भानवी से बिगड़े रिश्ते, योगी की भी बात नहीं मानी

लखनऊ/प्रतापगढ़। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी पूर्व राज्यमंत्री स्वाति सिंह के तलाक के बाद अब एक और तलाक चर्चा में है। यह तलाक जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष एवं कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी कुमारी के बीच का है। राजा भैया ने पत्नी से तलाक लेने के लिए दिल्ली के साकेत (दक्षिण) स्थित परिवार न्यायालय में अर्जी दी थी।

मामले में सोमवार को सुनवाई थी, पर सत्र न्यायाधीश शुनाली गुप्ता के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। मामले में अगली सुनवाई 23 मई को होगी। राजा भैया की तरफ से अधिवक्ता ध्रुव गुप्ता पेश हुए। राजा भैया ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए वर्ष 2022 में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने पत्नी के क्रूर व्यवहार और उनसे अलग होने के आधार पर तलाक मांगा है।

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रजवाड़ों के जिले प्रतापगढ़ की भदरी रियासत के राजकुमार, सूबे के पूर्व मंत्री एवं जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया पत्नी से तलाक लेंगे। इसके लिए उन्होंने साकेत कोर्ट में अर्जी डाली है। इस खबर से उनके करीबी हतप्रभ हैं। बीते दिनों भानवी कुमारी द्वारा राजा भैया के करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर कराने पर पति और पत्नी के बीच अनबन होने का मामला पहली बार सामने आया था। रविवार को सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुआ। इसे तलाक की अर्जी से जुड़ा कागज बताया जा रहा है।

राजा भैया द्वारा कोर्ट में दाखिल तलाक की अर्जी में पत्नी भानवी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अर्जी में पत्नी के खिलाफ परिजनों को अपमानित करने और बच्चों की परवरिश में उदासीनता बरतने जैसे कई आरोप लगाए जाने की बात कही गई है। हालांकि इस संबंध में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है। इधर कानाफूसी यह भी है कि इस हाईप्रोफाइल जोड़ी के टूटने की वजह राजा भैया किसी महिला के नजदीक आ गए हैं।

अगली सुनवाई पर भानवी देंगी आरोपों का जवाब
राजा भैया की याचिका पर अदालत ने पहले ही भानवी सिंह को नोटिस जारी कर दिया था। अदालत ने अगली तारीख पर भानवी सिंह को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश जारी किए थे। हालांकि सोमवार की सुनवाई में भी राजा भैया और उनकी पत्नी व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं हुए। दोनों के अधिवक्ता ही अदालत पहुंचे थे। भानवी सिंह की ओर से अधिवक्ता कुणाल अदालत में पेश हुए। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से कुछ समय दिए जाने की गुहार लगाई, जिस पर सुनवाई अगले माह की 23 तारीख तक के लिए टाल दी गई। अगली सुनवाई पर भानवी सिंह के अधिवक्ता की ओर से आरोपों पर जवाब दाखिल किया जाएगा।

संजय सिंह-गरिमा को लोग भूले नहीं
अमेठी राजपरिवार के राजा व पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री संजय सिंह की पत्नी गरिमा सिंह का भी तलाक हो चुका है। संजय सिंह ने तलाक लेने के बाद अमिता मोदी से शादी रचा ली। गरिमा सिंह अपने बच्चों के साथ अलग रहने लगी, बाद में संजय सिंह सुलतानपुर से सांसद बने जबकि उनकी पत्नी अमिता मोदी अमेठी से विधायक बनी। इस बीच गरिमा सिंह बीजेपी में शामिल हुईं, उन्हें 2017 में बीजेपी ने टिकट िदया। गरिमा ने अमिता मोदी को अमेठी सीट से हरा दिया।

चार बच्चों के माता-पिता हैं भानवी - राजा भैया
भानवी कुमारी का जन्म 10 जुलाई वर्ष 1974 में बस्ती राजघराने में हुआ था। उनके पिता बस्ती राजा के छोटे बेटे कुंवर रवि प्रताप सिंह हैं। रवि प्रताप सिंह की 4 बेटियां हैं। इनमें भानवी तीसरे नंबर की बेटी हैं। भानवी की शुरुआती पढ़ाई बस्ती से हुई। आठवीं तक की पढ़ाई जिले के सेंट जोसेफ स्कूल से की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह अपनी मां मंजू सिंह के साथ लखनऊ चली गईं। राजा भैया और भानवी की शादी 1995 में हुई थी। उस समय राजा भैया की उम्र 25 साल थी, जबकि भानवी 20 साल की थीं। अब दोनों की शादी को 28 साल हो चुके हैं। राजा भैया और भानवी सिंह के चार बच्चे हैं। दो जुड़वां बेटे कुंवर शिवराज सिंह, बृजराज सिंह व बेटियां राघवी सिंह व राजेश्वरी सिंह हैं। इस समय दोनों बेटे कुंडा में राजा भैया के साथ रहते हैं, जबकि दोनों बेटियां दिल्ली में पढ़ाई कर रही हैं।

राजा भैया आइसोलेट
राजा भैया के छोटे बेटे में जांच के बाद कोविड के लक्षण मिले। इस कारण उन्होंने स्वयं को आइसोलेट कर लिया है। अभी राजा भैया किसी से बात भी नहीं कर रहे हैं। फोन किसी दूसरे सहकर्मी को दे रखा है।

मुख्यमंत्री की भी बात नहीं मानी
बताया जा रहा है कि राजा भैया के मामले में मुख्यमंत्री योगी ने भी दखल दिया है। उन्होंने दोनों को बुलाकर अलग-अलग समझाया और कहा- कुछ ही राजघराने बचे हैं। कम से कम इसे तो बचाइए। लेकिन राजा भैया नहीं माने। वह अपने पर अड़े रहे। हालांकि योगीजी ने कहा, पारिवारिक मामला है, गहन मंथन करें।

सात बार से लगातार विधायक हैं राजा भैया
राजा भैया का यूपी की सियासत में खासा रसूख है। वह कुंडा विधानसभा सीट पर 1993 से लगातार जीतते आ रहे हैं। सात बार से लगातार विधायक हैं। वे जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) पार्टी के संस्थापक हैं। यूपी चुनाव 2022 में उनकी पार्टी ने प्रतापगढ़ की दो सीटों पर जीत दर्ज की है। सपा सरकार के दौरान राजा भैया मंत्री भी बनाए गए थे। उन्हें मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में गिना जाता है। हालांकि, उनके संबंध अखिलेश यादव से ठीक नहीं थे। राजा भैया अभी योगी सरकार के करीब माने जाते हैं

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