मुरादाबाद : गरीब श्रमिकों के बच्चों के लिए वरदान हैं विहान आवासीय विद्यालय, हर साल निखर रहीं बेटियां 

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Published By Bhawna
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मुरादाबाद सहित यूपी के 12 जिलों में उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से संचालित हैं विद्यालय

ड्राप आउट बच्चों को ब्रिज कोर्स में दाखिला कर दी जाती है शिक्षा, 6-14 वर्ष के बच्चों को दिया जाता है कक्षा 6-8 में प्रवेश

विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार। निजी स्कूलों की महंगी शिक्षा के दौर में श्रमिकों के लिए विहान आवासीय बालक-बालिका विद्यालय वरदान जैसे है। पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में लाकर उन्हें योग्य नागरिक बनाने में यहां संविदा पर कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाएं, स्टाफ बच्चों का भविष्य संवारने में जुटे हैं।

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से संचालित इन विहान आवासीय बालक-बालिका विद्यालयों का उद्देश्य श्रमिक माता–पिता की गरीबी तथा साधनहीनों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना है। ऐसे बच्चों को आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिलाकर पंजीकृत निर्माण–श्रमिकों के 6 से 14 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों को प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल स्तर की गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना है। प्रदेश के मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, कन्नौज, कानपुर, भदोही, ललितपुर, बहराइच, आजमगढ़, आगरा, इटावा और फिरोजाबाद में विद्यालय का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निकार कर्मकार बोर्ड, लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से कर रहा है।

हर साल निखर रहीं बेटियां
मुरादाबाद के आशियाना फेज दो संचालित विद्यालय में चालू सत्र में 80 का प्रवेश हो चुका है। यहां बेटियों को कक्षा छह से आठ और ड्राप आउट बेटियों को कक्षा एक से तीन स्तर के ज्ञान के अनुसार ब्रिज कोर्स प्रथम वर्ष और चार-पांच के स्तर की ड्राप आउट बेटियों को ब्रिज कोर्स द्वितीय वर्ष में नामांकित कर ज्ञान दिया जा रहा है।

यह है प्रवेश की पात्रता
लाभार्थी के रूप में पंजीकृत सभी निर्माण–श्रमिकों के ऐसे पुत्र,पुत्रियां जिनकी आयु 6 से 14 वर्ष के मध्य है। आवासीय विद्यालयों में प्रवेश पाने के पात्र हैं। उन्हें इन विद्यालयों में निशुल्क शिक्षा और आवासीय सुविधाएं दी जाती हैं। हर आवासीय विद्यालय में कम से कम पांच कक्ष होंगे। जिसमें से एक कक्ष अध्यापकों, एक कक्ष कार्यालय के लिए और तीन कक्ष बच्चों की शिक्षा के प्रयोग के लिए होने चाहिए। प्रथम दो कक्ष 1520 वर्ग फीट क्षेत्रफल के तथा शेष 3 कक्ष 2525 वर्ग फीट क्षेत्रफल के होने चाहिए। प्रत्येक विद्यालय में कम से कम तीन शौचालय, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था तथा बिजली कनेक्शन का होना जरूरी है।

विद्यालय में हर सत्र में 100 बच्चियों का नामांकन होता है। वर्तमान सत्र में 80 नामांकन हुआ है। विद्यालय आवासीय सुविधायुक्त है। कक्षा एक से पांच तक के स्तर के ऐसे बच्चे जो कभी स्कूल नहीं गए या किन्हीं कारणों से ड्राप आउट हैं उन्हें ब्रिजकोर्स प्रथम और द्वितीय में रखकर पढ़ाया जाता है। पंजीकृत श्रमिकों के परिवार की बच्चियों को शिक्षा की मुख्य धारा में लाकर उन्हें देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने योग्य बनाना प्राथमिकता है।- बीना पाल, अधीक्षिका (वार्डन), विहान बालिका आवासीय विद्यालय आशियाना फेज दो, मुरादाबाद

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