लोक अदालत में निपटाएं अधिकाधिक मामले : न्यायाधीश 

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Published By Jagat Mishra
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हरदोई, अमृत विचार। अदालतों में बढ़ते मुकदमों की गति में लोक अदालतों ने अंकुश लगाने में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है। धीरे धीरे आमजनता  लोक अदालतों के प्रति जागरूक हो रही है। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के नवागंतुक पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश शमसुल हक ने वकीलों के साथ बैठक  करते हुए उक्त विचार व्यक्त किये। 

न्यायाधीश हक ने कहा कि लोक अदालतों से आमजनता को काफी राहत मिलती है क्योंकि लोक अदालत के माध्यम से मुकदमे का निपटारा हो जाने से पीड़ितों को समय व धन की बचत होती है और उन्हें बेवजह कचहरी के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का एक ही उद्देश्य है कि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सके । 

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। न्यायाधीश श्री हक ने कहा कि ऐसे मुकदमे जिनमें पक्षकारों की आपसी रजामंदी से 21 मई को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में निपट सकते  हैं और उन मामलों में किसी प्रकार की कोई समस्या आ रही है तो संबंधित अधिवक्ता मुझसे बता सकता है जिससे उस समय का समाधान करके उसका निपटारा लोक अदालत में किया जा सके। 

बैठक में बीमा कंपनी के अधिवक्ता प्रदीप जैन, राजबहादुर सुमन, संजीव श्रीवास्तव, श्रवण दीक्षित, संजीव दुबे, संजीव सिंह, रामनरेश, सर्वेश रस्तोगी, वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक द्विवेदी अवनीश त्रिवेदी समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

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