बरेली: टैक्स में घपलेबाजी खत्म करने के लिए बिलों का मिलान तेज

बरेली: टैक्स में घपलेबाजी खत्म करने के लिए बिलों का मिलान तेज

बरेली, अमृत विचार। चुनाव के बाद नगर निगम के साफ्टवेयर में फीड टैक्स विभाग की डबल आईडी का मिलान फिर तेज हो गया है। अब तक लगभग 20 वार्डों में आईडी का मिलान हो चुका है। हर वार्ड में औसतन 10 - 12 भवनों की आईडी सर्वे टीम को नहीं मिल रही है।

टैक्स विभाग में शहर के हर घरेलू और व्यावसायिक भवन की आईडी होती है। सर्वे में अब तक दो लाख से ज्यादा भवन होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि नगर निगम के रिकार्ड में 1.44 लाख भवन ही दर्ज हैं। इससे पहले 2019 में जीआईएस सर्वे की शुरुआत में तो 1.39 लाख भवन रिकॉर्ड में थे। कई भवनों की दो-दो आईडी हैं यानी एक ही नाम से दो-दो खाते चल रहे है। शहर में 80 वार्डों में से 73 वार्डों का सर्वे पूरा हो चुका है। अब इन्हीं वार्डों में आईडी मिलान हो रहा है।

सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 70 हजार घरों की आईडी का मिलान हो चुका है। डबल डिमांड से बचने के लिए यह मिलान जरूरी है। मढ़ीनाथ और संजयनगर समेत 20 वार्डों में सर्वे के दौरान हर वार्ड में औसतन 10- 12 आईडी ऐसी मिली हैं जिनका मिलान नहीं हो पाया है। यह दोहरी आईडी हैं। इन पर निर्णय बाद में किया जाएगा। सभी वार्डों में आईडी मिलान होने के बाद मौजूदा साफ्टवेयर का डेटा नए साफ्टवेयर मे आ जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद टैक्स विभाग में घपलेबाजी खत्म हो जाएगी।

आधे भवनों से भी टैक्स वसूल नहीं किया जाता है शहर में
सूत्रों के मुताबिक टैक्स विभाग शहर के आधे से भी ज्यादा भवनों से टैक्स वसूली नहीं करता। कई कामर्शियल भवनों पर टैक्स ही नही लागू है। तमाम भवनों पर उनके एरिया से कम टैक्स लागू है। पिछले वित्तीय वर्ष में 35 हजार भवनों से ही टैक्स वसूल हुआ था। इसका असर नगर निगम की आय पर पड़ रहा है। हालांकि पिछले दिनों टैक्स विभाग में कई गड़बड़ी सामने आने के बाद नगर आयुक्त ने सख्ती की तो राजस्व में कुछ वृद्धि हुई है।

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