बरेली: देखती रह गईं नगर आयुक्त... फिर शहर डुबाने का इंतजाम कर गए बीके सिंह

नगर आयुक्त ने चीफ इंजीनियर समेत 24 अफसरों को सौंपी थी जिम्मेदारी

बरेली: देखती रह गईं नगर आयुक्त... फिर शहर डुबाने का इंतजाम कर गए बीके सिंह

बरेली, अमृत विचार। बरसात के दिनों नालों के पानी में शहर सालोंसाल से डूबता आ रहा है। नगर आयुक्त ने इस बार मई तक नालों की सफाई करके इस समस्या को खत्म करने की योजना बनाई थी लेकिन निलंबन से पहले चीफ इंजीनियर बीके सिंह इस पर भी पानी फेर गए। टेंडर इतनी देर से निकाला गया कि समय से नालों की सफाई करवा पाना ही मुश्किल हो चुका है। उन्हीं की अगुवाई में 24 अफसरों को मार्च तक नालों पर अतिक्रमण की सूची बनाकर उन्हें साफ कराने की कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया था, लेकिन न सूची बनी न कार्ययोजना।

नालों की सफाई का मोटा बजट कागजी खानापूरी के बाद अफसरों की जेब में पहुंच जाने के आरोपों का सिलसिला जितना पुराना है, उतनी ही पुरानी कहानी बरसात में ओवरफ्लो होने वाले नालों के पानी में शहर के डूबने की है। इस बार नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने फरवरी में ही नालों को साफ कराने की तैयारी शुरू कर दी थी। 22 फरवरी को उन्होंने 24 अफसरों को शहर में अतिक्रमण के शिकार हुए सभी छोटे-बड़े नालों की सूची बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, साथ ही अतिक्रमण हटाकर नालों को साफ कराने की कार्ययोजना भी बनाने को कहा था।

योजना थी कि नालों से अतिक्रमण हटाने के साथ टेंडर निकालकर मई तक उनकी सफाई करा दी जाए। सोचा गया था कि बरसात से पहले नालों की सफाई होगी तो उसकी निगरानी भी की जा सकेगी लेकिन चीफ इंजीनियर बीके सिंह ने इस सारी योजना पर पानी फेर दिया। न नालों पर अतिक्रमण की सूची बनी, सफाई की कार्ययोजना। टेंडर निकाला गया लेकिन वह भी त्रुटिपूर्ण होने के कारण निरस्त हो गया। इसके बाद नगर आयुक्त के निर्देश के बावजूद दोबारा टेंडर निकालने का काम टाला जाता रहा। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद यह पूरी तरह टल गया।

चीफ इंजीनियर बीके सिंह ने न खुद इसमें दिलचस्पी ली, न बाबू का जवाबतलब किया। फाइल भी जहां के तहां पड़ी रही। इस बीच नगर आयुक्त ने कई बार पूछताछ की लेकिन चीफ इंजीनियर टालमटोल करते रहे। आखिरकार लंबी टालमटोल के बाद शहर के 22 बड़े नालों की सफाई का पिछली बार से 40 लाख कम लागत का टेंडर 16 मई को वेबसाइट पर अपलोड किया गया।

बीके सिंह का डर: एक भी ठेकेदार ने नहीं भरा टेंडर, आज आखिरी तारीख
नालों की सफाई का टेंडर 16 मई को जारी होने के बावजूद अब तक एक भी ठेकेदार ने नहीं भरा है। इसके पीछे ठेकेदारों में चीफ इंजीनियर रहे बीके सिंह के खौफ को वजह बताया जा रहा है। ठेकेदार पहले से आरोप लगाते रहे हैं कि चीफ इंजीनियर के स्तर पर उनके भुगतान की फाइलें रुकी हुई हैं। सोमवार को एक्सईएन डीके शुक्ला और एई पंकज रस्तोगी ने ठैकेदारों के साथ बैठक की। इसमें ठेकेदारों ने पिछला भुगतान फंसा होने का हवाला दिया तो एक्सईएन ने कहा कि नगर निगम की वित्तीय हालत में सुधार के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। जल्द ही सभी ठेकेदारों को भुगतान मिल जाएगा। बताया जाता है कि इसके बाद कुछ ठेकेदार इस शर्त के साथ काम करने के लिए तैयार हो गए कि उन्हें पिछले बकाए का भी भुगतान किया जाए। बताया जा रहा है कि मंगलवार को अंतिम दिन कुछ ठेकेदार टेंडर डाल सकते हैं।

नगर आयुक्त से ज्यादा बीके सिंह यादव को प्रभावशाली मानते थे कई अफसर-कर्मचारी
नगर निगम में चीफ इंजीनियर बीके सिंह के निलंबित होने के बाद उन कई अफसरों और कई कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है जो उन्हें नगर आयुक्त से भी ज्यादा प्रभावशाली मानते थे। नगर निगम में यह आम चर्चा थी कि ये अफसर और कर्मचारी बीके सिंह के आदेश को ही तरजीह देते थे। इसी कारण नालों की सफाई के टेंडर के मामले में नगर आयुक्त के कई निर्देशों के बावजूद टालमटोल होती रही। न चीफ इंजीनियर ने इस पर ध्यान दिया न उनके विश्वस्त अफसरों ने।

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