लखीमपुर-खीरी: वकीलों ने ज्ञापन देकर लगाई गुहार, पुलिस महकमे की साख बचाओ सरकार

लखीमपुर-खीरी: वकीलों ने ज्ञापन देकर लगाई गुहार, पुलिस महकमे की साख बचाओ सरकार

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। जिले में तैनात कुछ पुलिस वाले खाकी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। कहीं धारा कम करने के नाम पर फ्रिज लिया जा रहा है तो कोई झूठी रिपोर्ट दर्ज कर अपनी खुन्नस निकाल रहे हैं। बेलगाम पुलिस वालों के कारनामों से महकमे की साख को बट्टा लग रहा है। एसपी के महकमे पर नियंत्रण पर सवाल उठाते हुए राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश की तरफ से मुख्यमंत्री और आईजी को संबोधित ज्ञापन एसपी गणेश प्रसाद साहा को अधिवक्ताओं ने सौंपा है और उन्हें तीन मुद्दों पर घेरा है। आरोप है कि पुलिस अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर लोगों को परेशान कर रही है।

गुरुवार को बार कॉउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व सदस्य तमाम अधिवक्ताओं के साथ एसपी दफ्तर पहुंचे। उन्होंने मोहम्मदी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आलोक कुमार सिंह व उनके साथी अधिवक्ताओं से इंस्पेक्टर पसगवां द्वारा अभद्रता करने का का मामला उठाया। उन्होंने एसपी गणेश प्रसाद साहा को बताया कि इंस्पेक्टर पसगवां ने अधिवक्ताओं को अपमानजनक शब्द कहे। यहां तक थाने न आने की हिदायत तक दे डाली।

इस प्रकार का व्यवहार न केवल अपराधिक कृत्य है बल्कि पद का गंभीर दुरुपयोग, कानून का राज और लोकतांत्रिक व्यवस्था का उपहास उड़ाने वाला है। अधिवक्ताओं ने अभी कुछ दिन पहले एलआरपी चौकी प्रभारी द्वारा आरोपी पक्ष से धारा हटाने के नाम पर रिश्वत में फ्रिज ली गई, जो पुलिस चौकी पर रखा मिला। इससे बड़ा और सबूत क्या हो सकता है। इंटरनेट मीडिया और अखबारों में पुलिस स्टेशन के अंदर रखे फ्रिज व पेपर की फोटो भी सामने आई। महिला को डरा धमकाकर चौकी इंचार्ज अंगूठा लगवाता है और उसी तहरीर पर आपसी खुन्नस में युवक के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया जाता है। 

इन घटनाओं से साफ है कि जिले में पुलिस पर अफसरों का कोई नियंत्रण नहीं हैं। इंस्पेक्टर से लेकर दरोगा तक अपनी पूरी मनमानी कर रहे हैं। इससे जहां पुलिस की साख गिर रही है। वहीं आम जनमानस का विश्वास पुलिस के प्रति कम हो रहा है। साथ ही इन घटनाओं से स्पष्ट है कि पुलिसकर्मी जनता की सुरक्षा की वजह जगह जनता से दुर्व्यवहार कर शोषण करने, रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी आदि गंभीर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है, जिससे जनता व अधिवक्ताओं के साथ-साथ समाज में रोष व्याप्त है। एसपी गणेश प्रसाद साहा ने अधिवक्ताओं से वार्ता करने के बाद पूरे मामले की जांच एएसपी नैपाल सिंह को सौंप दी। कहा कि सभी बिंदुओं पर कार्रवाई की जाएगी।

केस एक
इन तीन मुद्दों पर अधिवक्ताओं ने एसपी को घेरा  
धारा कम करने के नाम पर चौकी इंचार्ज ने रिश्वत में लिया था फ्रिज
शहर की एलआरपी पुलिस चौकी के गांव पिपरिया में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी। दोनों पक्षों की तरफ से क्रॉस केस दर्ज हुआ था। दूसरे पक्ष के आरोपी होमगार्ड नितिन वर्मा के खिलाफ जानलेवा हमले की धारा भी लगी थी, जिसे हटाने की एवज में चौकी इंचार्ज चेतन सिंह तोमर ने रिश्वत में फ्रिज मांगा था। होमगार्ड ने किस्तों पर फ्रिज खरीदकर चौकी इंचार्ज को दिया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इससे पुलिस महकमे की काफी फजीहत हुई थी।

केसः दो
मामला तीन दिन पहले का है। मोहम्मदी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आलोक कुमार सिंह साथी अधिवक्ताओं के साथ पसगवां कोतवाली प्रभारी निर्भय कुमार सिंह शिष्टाचार भेंट करने गए थे। जहां पर किसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई थी। इससे नाराज प्रभारी निरीक्षक ने अधिवक्ताओं से जमकर अभद्रता की थी। इससे नाराज अधिवक्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया था और मोहम्मदी कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी।

केसः तीन
ईसानगर थाने के हसनपुर कटौली के दरोगा धर्मेंद्र सिंह पर गांव की एक महिला ने तीन दिन पहले गंभीर आरोप लगाए थे। महिला का कहना था कि दरोगा की गांव के ही असलम नामक व्यक्ति से खुन्नस चल रही थी। दरोगा ने उसे (महिला) को थाने बुलाया और डरा धमकाकर सादे कागज पर अंगूठा लगवा लिया और असलम के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। बाद में असलम को गिरफ्तार कर जब पुलिस ने जेल भेजा तब उसको जानकारी हुई थी। एसपी इस मामले की जांच सीओ धौरहरा से करा रहे हैं।

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