शाहजहांपुर: डीएम के आदेश का असर नहीं, दूसरे दिन भी बेड पर दो-दो मरीज

शाहजहांपुर: डीएम के आदेश का असर नहीं, दूसरे दिन भी बेड पर दो-दो मरीज

शाहजहांपुर, अमृत विचार। निरीक्षण के दौरान बेड की कमी पर डीएम की नाराजगी और तत्काल 30 बेड डलवाने के आदेश का भी असर नहीं हुआ। दूसरे दिन भी वार्डों में बेड के लिए मरीज और तीमारदार भटकते नजर आए, वहीं वार्ड में बेड पर दो-दो मरीज लिटा दिए गए। ट्रामा सेंटर में कई बेड पर दो-दो मरीज लेटे हुए थे और कुछ मरीजों का स्ट्रेचर पर इलाज चल रहा था। मरीजों को घंटों बेड के लिए इंतजार करना पड़ रहा था।

इधर मेडिकल प्रशासन ने दावा किया है कि प्रत्येक वार्ड में पांच-पांच अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है। डीएम उमेश प्रताप सिंह ने मंगलवार की दोपहर राजकीय मेडिकल कॉलेज और ट्रामा सेंटर का औचक निरीक्षण  किया था। उन्होंने वार्ड और ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों से जानकारी की।

ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों ने डीएम को बताया कि कई घंटे से बेड  व स्ट्रेचर पड़े है और वार्ड में नहीं भेजा रहा है। अस्पताल का स्टाफ कहता है कि बेड खाली होने के बाद वार्ड में भेजा जाएगा। इस समस्या को डीएम ने गंभीरता से लिया। उन्होंने सीएमओ से फोन पर और कालेज के प्राचार्य से कहा था कि बुधवार को अतिरिक्त 30 बेड की व्यवस्था की जाए।

सीएमओ और कॉलेज के प्राचार्य ने कहा था कि अतिरिक्त 30 बेड की व्यवस्था हो जाएगी और ट्रामा सेंटर में स्ट्रेचर बढ़ा दिए जाएंगे, लेकिन बुधवार को दोपहर ट्रामा सेंटर पर देखा गया कि एक बेड पर दो-दो मरीज लेटे हुए थे और बेड खाली न होने से कुछ मरीजों का इलाज स्ट्रेचर पर हो रहा था।

ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीज के तीमारदारों ने बताया कि दो घंटे हो गए हैं और बार्ड में मरीज को शिफ्ट नहीं किया गया। स्टाफ का कहना है कि वार्ड में बेड खाली होने के बाद ही शिफ्ट किया जाएगा। इधर डीएम ने प्राचार्य को निर्देश दिए थे कि वार्ड में एक मरीज के साथ एक तीमारदार रहना चाहिए। लेकिन आज वार्ड में देखा गया कि एक मरीज के साथ कई तीमारदार फर्श पर चादर बिछाकर लेटे हुए थे। इधर राजकीय मेडिकल कालेज प्रशासन ने दावा किया है कि प्रत्येक वार्ड में पांच-पांच अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है।

रोजाना 150 मरीज होते हैं भर्ती
मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में चौबीस घंटे में करीज 150 मरीज भर्ती होते है। वर्तमान समय बुखार, सांस के मरीज अधिक भर्ती हो रहे हैं। जबकि मेडिकल कॉलेज 330 बेड का है। वर्तमान समय में करीब 350 मरीज भर्ती हैं। इधर सीएचसी पर 30 बेड की व्यवस्था है, लेकिन सीएचसी पर मरीजों को भर्ती न करके मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया जाता है, जिससे मेडिकल कालेज में और समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा वार्ड में टीवी के मरीज कई दिन तक भर्ती रहते हैं। साथ ही मरीज के रिश्तेदार सिफारिश कराके एक-दो दिन बाद छुट्टी करने का अनुरोध करते है।


अर्थो वार्ड में अतिरिक्त 30 बेड की व्यवस्था शीघ्र की जाएगी। यह वार्ड दूसरी इमरजेंसी वार्ड होगी। ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों को दूसरी इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक वार्ड में पांच-पांच बेड बढ़ा दिए गए हैं। मरीजों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
                                                                                                                    - डॉ. शैलेंद्र सिंह, सीएमएस।


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