पीलीभीत: ऐसा क्या किया सीओ ने कि कोतवाली पहुंचकर खत्म हुआ आंदोलन, जानिए पूरा मामला 

पीलीभीत: ऐसा क्या किया सीओ ने कि कोतवाली पहुंचकर खत्म हुआ आंदोलन, जानिए पूरा मामला 

पीलीभीत/पूरनपुर, अमृत विचार। तहसील पूरनपुर में पहुंचकर दिन भर माधोटांडा एसओ को हटाए जाने की मांग पर ग्राम प्रधानों का धरना प्रदर्शन चलता रहा। फिर सीओ पूरनपुर ने मध्यस्थता करते हुए दोनों पक्षों को कोतवाली परिसर में आमने-सामने बैठकर बात की और गिले शिकवे दूर कराए। उसके बाद दोनों के बीच सुलह हो गई। चर्चा यह भी रही कि माधोटांडा एसओ के माफी मांगने के बाद प्रधानों का आक्रोश शांत हुआ। फिलहाल धरना समाप्त कराकर पुलिस ने राहत की सांस ली है।

माधोटांडा थाना क्षेत्र के गांव भैरो कलां में ग्राम समाज की भूमि में स्थित चौखटा बाबा के स्थान पर सियाराम रहते हैं।मंदिर पर काफी पुराने फलदार वृक्ष व अन्य प्रकार के पेड़ लगे हैं।जिस पर गांव के लोग पूजा अर्चना करते हैं।आरोप है कि सियाराम मनमाने तरीके से भूमि पर खड़े पेड़ों को चोरी-छिपे से कटवा कर बिक्री कर दिया।जानकारी लगने पर ग्राम प्रधान मेवाराम और ग्रामीणों ने कई बार सियाराम को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। 26 मई को सियाराम ने कुछ वृक्षों को कटवा दिया। 

मामले की सूचना जब प्रधान को लगी तो उन्होंने पेड़ काटने का विरोध किया।आरोप है कि सियाराम ने ग्राम प्रधान के खिलाफ एक झूठा प्रार्थना पत्र मारपीट का थाना माधोटांडा पर दे दिया। माधोटांडा थाना प्रभारी वीरेश यादव ने बिना जांच पड़ताल किए ही ग्राम प्रधान से अभद्रता की। इसी को लेकर एसओ माधोटांडा को हटाने की मांग की जा रही थी। अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने तीन दिन पहले एसपी कार्यालय में ज्ञापन दिया। उसके बाद शनिवार को जिला अध्यक्ष नरेश पाल सिंह की अगुवाई में दर्जनों ग्राम प्रधानों ने सीओ कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। 

नारेबाजी करते हुए माधोटांडा एसएचओ को हटाए जाने की मांग की गई। इस दौरान अखिल भारतीय प्रधान संगठन के जिला उपाध्यक्ष रामनिवास शर्मा,पोथीराम कुशवाहा, रामप्रताप,ओम प्रकाश,नसीर,दिनेश पाल सिंह,कामता प्रसाद,राजाराम आदि शामिल रहे। दोपहर बाद सीओ पूरनपुर सुनील दत्त कोतवाली पहुंचे और एसओ माधोटांडा व प्रधानों को बुला लिया। दोनों को आमने-सामने कर बातचीत करते हुए गिले शिकवे दूर कराके सुलह करा दी। सीओ ने बताया कि दोनों की बातचीत कराई गई थी। जिसके बाद प्रधान भी मान गए हैं। अब किसी तरह का विरोध या विवाद नहीं है।

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