बरेली: सेवा समाप्त के आदेश पर भड़के कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार, ओपीडी में भटकते रहे मरीज
300 बेड अस्पताल में कोविड काल के दौरान 52 कर्मी रखे गए थे आउट सोर्सिंग पर, शासन स्तर से 30 जून को समाप्त की जा रही हैं सेवाएं, विरोध में कर्मियों ने खोला मोर्चा
बरेली, अमृत विचार: 300 बेड अस्पताल में कोविड काल में आउट सोर्सिंग के माध्यम से रखे गए कर्मियों की सेवाएं 30 जून के बाद समाप्त करने के आदेश दिए गए हैं। शुक्रवार को इसके विरोध में नर्सिंग, एलटी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। आदेश वापस लेने की मांग उठाई। वहीं, मरीज इलाज के लिए ओपीडी में भटकते रहे।
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प्रदर्शन करने वाले कर्मियों का कहना है कि उन्होंने कोविड काल में जान की परवाह किए बगैर संक्रमितों का इलाज किया। अब कोविड का प्रकोप कम होने पर उन्हें हटाया जा रहा है, जो गलत है।
वैक्सीन लगवाने के लिए परेशान होते रहे रोगी: आधी ओपीडी के बाद अचानक कर्मी परिसर के बाहर एकत्र होकर विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। ओपीडी में आने वाले मरीज इलाज के लिए परेशान होते रहे। सबसे अधिक दिक्कत एआरवी केंद्र पर वैक्सीन लगवाने आए मरीजों को हुई।
स्टाफ के प्रदर्शन में चले जाने पर यहां मरीज केंद्र के बाहर बैठे रहे। हालांकि, केंद्र प्रभारी डॉ. शैलेष रंजन मौजूद थे। कई बार उन्होंने कर्मियों को समझाने का प्रयास किया, मगर वे नहीं माने।
कर्मी बोले- आदेश वापस नहीं हुआ तो पूर्ण बहिष्कार करेंगे: कोविड काल में नर्सिंग, पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मिलाकर कुल 52 स्टाफ की तैनाती यहां की गई थी। अचानक नौकरी जाने पर उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ेगा। कर्मियों ने चेतावनी दी कि अगर शासन आदेश वापस नहीं लेता है तो स्टाफ पूर्ण कार्य बहिष्कार करने को विवश होगा।
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