स्वच्छ ऊर्जा आयात करने की भारत की प्रतिबद्धता से जलविद्युत विकास के लिए ‘नया द्वार’ खुला: नेपाल के पीएम प्रचंड

स्वच्छ ऊर्जा आयात करने की भारत की प्रतिबद्धता से जलविद्युत विकास के लिए ‘नया द्वार’ खुला:  नेपाल के पीएम प्रचंड

काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने कहा है कि अगले दस वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा आयात करने की भारत की प्रतिबद्धता ने दक्षिण एशिया में जलविद्युत विकास के लिए एक ‘नया द्वार’ खोल दिया है। उन्होंने शुक्रवार को दक्षिण एशिया के लिए विश्व बैंक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मार्टिन रायसर के साथ एक बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। 

प्रचंड ने कहा कि जलविद्युत उत्पादन में वृद्धि से हरित और स्वच्छ ऊर्जा के विकास में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। सिंहदरबार में प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम जलविद्युत के विकास की ओर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं तो दुनिया के लोगों को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।’’ 

उन्होंने कहा कि सिर्फ नेपाल ही नहीं बल्कि भारत और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देश भी नेपाल में जलविद्युत विकास से लाभान्वित होंगे। प्रचंड ने हाल में भारत यात्रा के दौरान दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बैठक को याद किया, जहां मोदी ने अगले दस वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा आयात करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। 

प्रचंड ने कहा, ‘‘इसने जलविद्युत विकास के लिए एक नया द्वार खोल दिया है।’’ प्रचंड ने 31 मई से 3 जून तक भारत का दौरा किया। दिसंबर 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद प्रचंड की यह पहली आधिकारिक विदेश यात्रा थी। रायसर और प्रचंड ने नेपाल और विश्व बैंक के बीच छह दशकों से अधिक के सहयोग को याद किया। प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों के अनुसार उन्होंने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों और हरित विकास की संभावनाओं सहित विकास प्रक्रिया से संबंधित देश की चुनौतियों पर चर्चा की। 

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