हल्द्वानी: सजदे में झुके सिर, दुआ में चैन-ओ-अमन और गरीब के लिए घर
ईद-उल-अजहा के पाक मौके पर हजारों लोगों ने एक साथ मांगी दुआ, ईदगाह में उमड़े नमाजी
शहर की सभी मस्जिदों में अलग-अलग वक्त पर अता की गई नमाज पर्दे में हुई कुर्बानी, गरीबों को दिया निवाला, बनभूलपुरा में लगा मेला
हल्द्वानी, अमृत विचार। ईद-उल-अजहा के पाक मौके पर गुरुवार को हजारों लोगों के सिर एक साथ खुदा के सजदे में झुके। लोगों ने चैन-ओ-अमन के साथ गरीबों के घर की दुआ मांगी। शहर की सभी मस्जिदों में अलग-अलग वक्त पर नमाज अता की गई और इसके शुरू हुआ कुर्बानी का सिलसिला, जिसका इस पाक मौके पर खास महत्व है। बनभूलपुरा की लाइन नंबर 17 में लगे मेले का लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया।
शहर की ईदगाह में सुबह 9 बजे शहर इमाम ने नमाज अता कराई। हालांकि इससे पहले शहर की लगभग सभी मस्जिदों में नमाज अता की जा चुकी थी। आस्ताना मस्जिद में सुबह पौने 8 बजे, मस्जिद चिराग अली शाह बाबा में साढ़े 7 बजे, मस्जिद बंजारान में साढ़े 8 बजे, मस्जिद जुलान में पौने 8 बजे, इंद्रानगर बड़ी मस्जिद में 8 बजे, इंद्रानगर मोहम्मदी मस्जिद में सवा 8 बजे, नूरी मस्जिद इंद्रानगर में सवा 8 बजे, ताज मस्जिद नई बस्ती में पौने 8 बजे, लाइन 17 गफ्फारी मस्जिद में 8 बजे, लाल मस्जिद में 8 बजे, जलाल शाह बाबा में पौने 8 बजे, सुनहरी मस्जिद में साढ़े 7 बजे, मस्जिद बिलाली में साढ़े 7 बजे और मस्जिद नमरा उजालानगर में पौने 8 बजे नमाज अता कराई गई।
मान्यता के तहत नमाज अता करने के बाद लोगों ने जानवरों की कुर्बानी। मान्यता यह भी है कि कुर्बानी के बाद के ही लोग अन्य दूसरे काम कर सकते हैं, फिर वह नाखून और बाल काटने जैसे ही काम न हो। इधर, लाइन नंबर 17 में सुबह से ही मेला सज चुका था। बच्चों ने जमकर झूला झूला, आइसक्रीम खाई और तरह-तरह के व्यंजनों का लुफ्त लिया।
तीन हिस्सों में बांटी गई कुर्बानी
ईद-उल-अजहा में कुर्बानी का खास महत्व है। जिसके तहत नमाज अता करने के बाद कुर्बानी की परंपरा है, लेकिन यह कुर्बानी सिर्फ अपने लिए नहीं होती। बल्कि कुर्बानी के जानवर को तीन बराबर हिस्सों में बांटा जाता है। पहला हिस्सा खुद के लिए, दूसरा रिश्तेदार के लिए और तीसरा उस गरीब के लिए जो कुर्बानी देने में सक्षम न हो। शहर में इस परंपरा का निर्वहन किया गया।
