रायबरेली : मरीज की जान बचानी है तो दवा और बेड का करना पड़ता है इंतजाम

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Published By Jagat Mishra
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सांप के डसने से घायल युवक को ग्लूकोस से लेकर दवा तक करना पड़ा इंतजाम 

डलमऊ/ रायबरेली, अमृत विचार। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मरीज इलाज करवाने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं तो वहां पर उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। मरीजों को बेड न मिलने से बेंच में बैठाकर व हाथों में ग्लूकोज की बोतल पकड़ा कर इलाज  किया जाता है। ऐसा ही मामला गुरुवार को सामने आया जिसमें युवक को सांप ने डस लिया तो अस्पताल प्रशासन ने पहले तो ग्लूकोस से लेकर दवा तक बाहर मेडिकल स्टोर से मंगाई और एंटीवेनम इंजेक्शन न होने की बात कहकर युवक को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। 

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देशों पर डलमऊ का स्वास्थ्य विभाग खरा नहीं उतर रहा है। यहां पर जमकर मनमानी हो रही है। मरीजों के इलाज के लिए भटकना पड़ता है। साथ ही बाहर की दवा लिखकर कमीशन का खेल भी खेला जा रहा है।  हाल यह है कि  स्वास्थ्य महकमा अस्पताल में मरीज के तीमारदार को हाथ में ग्लूकोज की बोतल पकड़ा कर चढ़ाता है।  जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। मामला डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां तहसील डलमऊ के बीबनहार गांव निवासी अमन कुमार मंगलवार की रात करीब 9 बजे अपने मुर्गी फार्म से बाइक से घर जा रहे थे तभी रास्ते में एक सांप उनकी गाड़ी की पहिए में फंस गया और पैर के अंगूठे पर सांप ने डस लिया जिससे युवक बेहोश हो गया। 

सांप डसने के बाद परिजन बाइक से युवक को लेकर डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन वहां ग्लूकोज उपलब्ध नहीं था। बाहर मेडिकल स्टोर से तीमारदारों से ग्लूकोज व दवा मंगायी गई फिर इलाज के दौरान मरीज के तीमारदार के हाथों में ग्लूकोज की बोतल पकड़ा कर इलाज शुरू किया गया। वहीं अमन ने बताया है कि अस्पताल में एंटीवेनम दवा उपलब्ध नहीं होने से आधे घंटे बाद उसे रायबरेली को रेफर कर दिया गया। इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक नवीन कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया। उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।


चिकित्सक नहीं उठाते फोन 
सीएचसी के चिकित्सक भी मन मुताबिक काम करते हैं। मरीजों के इलाज में जितनी अनदेखी हो सकती है वह की जाती है। शासन के नियमों को हर दिन यहां पर तार-तार किया जाता है। यहीं नहीं जब जिम्मेदारों से फोन पर बात करने की कोशिश की जाती है तो उनका फोन नहीं उठता। सीएचसी में कमीशनखोरी भी जमकर होती है।

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