गुरु पूजा आन्तरिक जागृति, आध्यात्मिक है संदेश

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Published By Vishal Singh
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दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम

कानपुर, अमृत विचार। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से खत्री धर्मशाला में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वेद मंत्रों के मंगल यान से किया गया गया। जिसमें संपूर्ण वातावरण शुभ तरंगों के साथ अभिमंत्रित हो गया। इसी शुभता के बीच केन्द्र बिन्दु महाराज के चरण में नमन अर्पित करते हुए महाराज की आरती की। मुख्य अतिथि के रुप में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना रहे।

कार्यक्रम में अभिव्यक्ति में साध्वी आद्यया भारती ने बताया कि आषाढ़ मास के पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाता है। युगों पहले गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदव्यास का जन्म हुआ था। इसीलिए उनके शिष्यों ने उनके जन्म दिवस को ही गुरु पूजा के लिए चुना। जिसके चलते इसे व्यास पूर्णिमा कहा जाता है। बताया कि गुरु शिष्य के जीवन में सर्वस्व होते है। भजनों का गायन, गुरु बहने, कोमल, मोनिका, महक, परी और प्रिया ने किया। जिससे संपूर्ण पंडाल जय श्रीराम, जय आशुतोष महाराज के जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर स्वामी विश्वनाथानन्द, आरके आम्बा,  राजेश पाल, सागर, भदौरिया, राजेन्द्र यादव शामिल रहे।

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