मुरादाबाद : कमाने वाला कोई नहीं, 6 माह से श्यामलाल बीमार...जानिए पूरा मामला 

मुरादाबाद : कमाने वाला कोई नहीं, 6 माह से श्यामलाल बीमार...जानिए पूरा मामला 

मुरादाबाद, अमृत विचार। दो भाइयों की करीब नौ बीघ जमीन जालसाजों के हाथों आरएसडी (रोशन लाल शांति देवी शिक्षा एवं धर्मार्थ सोसायटी) के निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने खरीद ली। जालसाजी के शिकार भाइयों के घर खेती हाथ से छूटने से कोहराम मचा है। श्यामलाल पिछले छह महीने से बीमार हैं। इनके छोटे भाई रामलाल का मानसिक संतुलन कमजोर है।

मुहल्ला कुकर्रबपुर चक्कर की मिलक निवासी दोनों भाइयों के परिवार में बेटे नहीं हैं। बेटियां किसी तरह से घर का खर्च उठा रही हैं। नौ बीघे खेत के कुछ हिस्से में बेटियों ने हरी सब्जी में लोबिया बो रखी है। अन्य दो खेत खाली पड़े हैं। नौ साल पहले मां गुजर गई थी। मां के मरने के बाद अब घर पर छोटी बेटी सीमा ही पिता की जिम्मेदारी संभाले है। उधर, रामलाल के एक ही संतान कल्पना विवाहित है।

फोन पर सीमा ने बताया कि उसके पिता छह महीने से सब्जी की दुकान भी नहीं लगा पा रहे हैं। बीमार हैं, घर में बिस्तर पर ही पड़े रहते हैं। डॉक्टर ने इनके ब्लड में संक्रमण होना बताया है। वह शरीर से काफी दुर्बल हो गए हैं। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। 

सीमा ने बताया कि कुछ दिन पहले उनकी दोनों दीदी गीता व सुनीता ने मिलकर कुछ पैसे एकत्र की थीं तो हरथला स्थित पैथोलॉजी में पिता श्यामलाल की जांच कराई है, उसमें 10,000 रुपये खर्च हुए हैं। सीमा ने बताया कि उसके पिता की हालत अब ठीक नहीं रहती है। इसलिए वह दो बीघे जमीन बेचकर उसकी शादी करने की सोच रहे थे। उन्होंने 15 जुलाई के दिन चक्कर की मिलक निवासी महेंद्र सैनी से दो बीघा खेत बिकवा देने को कहा था। तभी महेंद्र ने हैरत में आकर पिता श्यामलाल को बताया कि तुम्हारी तो सारी (नौ बीघा) जमीन बिक चुकी है। यह सुनकर श्यामलाल के पैरों तले जमीन खिसक गई। सीमा ने बताया कि उसी शाम जब उसके पिता घर आए तो बैठे सिर पकड़े रो रहे थे। 

खेत पर कब्जा दोनों भाइयों का
सीमा ने बताया कि उसने पिता श्यामलाल की तरफ से 31 जुलाई के दिन सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस को बताया है कि खेत वाली जमीन उसकी किसी दूसरे ने डॉ. विनोद कुमार को भले बैनामा कर दिया हो लेकिन, वर्तमान में कब्जा श्यामलाल व रामलाल का ही है। सीमा ने बताया कि उसके पिता की तहरीर पर थाना पुलिस ने आरएसडी निदेशक डॉ. विनोद कुमार और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुए बैनामा में गवाह बने बारादरी सराय हुसैनी के नवाबुल हसन व सोनकपुर के चंद्रपाल के विरुद्ध रिपोर्ट लिखाई है।

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