पीलीभीत: गुडवर्क से करेली थाने की शुरुआत, आबकारी अधिनियम में पहली एफआईआर
पीलीभीत/,बिलसंडा, अमृत विचार। गांव करेली की पुलिस चौकी उच्चीकृत होकर थाना बन गई है। रविवार को जीडी (जनरल डायरी) शुरू हो गई है। हालांकि शुरुआत में चर्चित रहने वाला पुलिस विभाग का गुडवर्क का टोटका भी दिखा। पहली एफआईआर गुड वर्क यानी आबकारी अधिनियम की दर्ज की गई।
बता दें कि बिलसंडा से करीब 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित गांव करेली में वर्ष 2001 में तत्कालीन डीएम राजीव अग्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक देवी सिंह अशोक ने पुलिस चौकी की नींव रखी थी। दोनों अधिकारियों ने गांव पहुंचकर चौकी का उद्घाटन किया था। पुलिस चौकी बन जाने के बाद से इस क्षेत्र में न केवल आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगा । बल्कि छोटे मामलों में लोगों को थाने की दौड़ भी लगानी नही पड़ी।
पूर्व मंत्री रामसरन वर्मा के प्रयासों से शासन ने चौकी को उच्चीकृत करते हुए थाना बना दिया। पिछले वर्ष थाने की मंजूरी मिलने के बाद जुलाई में पुलिस अधीक्षक ने नए पहले थानाध्यक्ष के रूप में एसओजी प्रभारी रहे जगदीप सिंह की तैनाती कर दी। जिसके बाद थानाध्यक्ष ने जनसहयोग से परिसर में कार्यालय कक्ष और महिला डेस्क भवन का निर्माण कराया। उधर नगर क्षेत्र के थाने से जुड़े गांवों को काटकर करेली थाने से जोड़ दिए गए। नवीन थाने में करीब 80 गांव जोड़े गए हैं। जिनमें कस्बा बमरोली भी शामिल है।
थानाध्यक्ष जगदीप सिंह ने बताया की कंप्यूटर सिस्टम चालू होते ही थाने पर ही रिपोर्ट दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शुरू करा दी गई है। रविवार को आबकारी अधिनियम का एक मामला दर्ज किया गया। उसके बाद विवाहिता की मौत के मामले में भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। हालांकि अभी थाना क्षेत्र को हलकों में विभाजित नहीं किया गया है। थानाध्यक्ष के अलावा अभी सिर्फ एक ही सब इंस्पेक्टर की तैनाती है। हालांकि सिपाहियों की तैनाती पर्याप्त मात्रा में हो चुकी है। जिन्होंने करेली थाने पर आमद भी करा दी है।
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