शाहजहांपुर: गंगा-रामगंगा का बढ़ा जलस्तर, फिर सता रहा बाढ़ का खतरा

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Published By Om Parkash chaubey
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शाहजहांपुर/मिर्जापुर, अमृत विचार: गंगा और राम गंगा नदी में एक बार फिर पानी बढ़ने लगा है, जिससे ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं। लोग एक बार फिर बाढ़ और पलायन की बात आशंका से सहम गए हैं। मिर्जापुर क्षेत्र में बाढ़ से कटान एक बार फिर शुरू हो गया है। पहाड़ों पर जारी भारी बारिश से मैदानी क्षेत्रों में नदियां उफान पर चल रही हैं।

जिससे गंगा किनारे बसे गांव वालों की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं, जिसको लेकर जिला प्रशासन भी वहां की पल पल की रिपोर्टिंग कर रहा है। बुधवार को भी गंगा व रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ दर्ज किया गया। बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि गंगा नदी कछला घाट का जलस्तर 0.02 बढ़ा, रामगंगा नदी चौबारी घाट जलस्तर 0.15 बढ़ा बताया गया।

जबकि गर्रा नदी का जलस्तर 0.15 कम हुआ व खन्नौत नदी जलस्तर 0.05 घटा। वही गंगा नदी में नरौरा बैराज से गंगा नदी में 162120 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। रामगंगा नदी में भी 83350 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय व बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से कलान व मिर्जापुर क्षेत्र में लगाई गई टीमों से फीडबैक लिया जा रहा है। एडीएम वित्त डा. सुरेश कुमार ने बताया कि जलस्तर बढ़ने से अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। टीमें लगी हुई हैं। पल-पल की रिपोर्टिंग राजस्व कर्मियों से ली जा रही है।

बाढ़ प्रभावित गांव आईफ्लू और बुखार की चपेट में:  इलाके में गंगा की बाढ़ एक बार फिर कहर बरपाने को बेताब हो रही है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से लोगों की नींद हराम है। आजादनगर निवासी ईशाक, साबिर, लईक आदि ने बताया कि बाढ़ का पानी गांव के चारों ओर भरने लगा है। जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो गुरुवार तक गांव के अन्दर पानी आ जाएगा।

जिससे ग्रामीणों को एक बार फिर नगला बसोला मार्ग पर शरण लेने को मजबूर होना पड़ेगा। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आई फ्लू व बुखार के मरीज काफी संख्या में हैं। प्रशासन को एक बार फिर कैम्प लगाकर यहां पर दवा वितरित करानी चाहिए। वहीं रामगंगा शांत रहने के बाद उफनाने लगी है।

पहरूआ स्थित रंगेश्वर महादेव मंदिर के पास कटान होने से मंदिर को खतरा पैदा हो गया है। मंदिर के मुख्य सेवक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर के पास व उससे आगे मिट्टी का कटान हुआ है। कटान से गांव के आस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है। बुधवार को एसडीएम अशोक कुमार ने गंगा तट से गंगा के हालातों का जायजा लिया।

जिले की नदियों में पानी छोड़े जाने से जलस्तर बढ़ा है, लेकिन अभी कहीं भी बाढ़ की संभावना नहीं है। सभी बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं। इसके अलावा राजस्व कर्मी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों लगातार संपर्क में हैं।- संजय कुमार पांडेय, एडीएम-प्रशासन।

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