अनुज हत्याकांड: इकलौते चिराग संग परिवार की उम्मीदों का डूब गया सूरज
अनुज ने मोहित, प्रभाकर से बढ़ा ली थी दुश्मनी, प्रापर्टी जैसे अन्य क्षेत्र में भी बना लिए थे कई विरोधी, तीन बहनों के इकलौते भाई ने ही राजनीति की तरफ बढ़ाए थे कदम, भाजपा में भी बना ली थी पहुंच
मुरादाबाद, अमृत विचार। भाजपा नेता अनुज चौधरी के साथ उनके पिता प्रीतम सिंह की उम्मीदों पर धुंध छा गयी। प्रीतम किसान हैं। इनके परिवार में अब पत्नी व तीन बेटियां हैं। बेटियां विवाहित हैं। परिवार में बेटे अनुज ने ही राजनीति की ओर कदम बढ़ाया था। वह राजनीति में ही तेजी से उभरने की कोशिश में थे। उन्होंने राजनीति में अपना जितना दायरा बढ़ाया, उससे अधिक दुश्मनी बढ़ा ली थी। मोहित चौधरी से अन्य मामले की दुश्मनी तो प्रभाकर चौधरी से ब्लॉक प्रमुखी को लेकर विरोध उपजा लिया था।
अनुज का प्रापर्टी डीलिंग का भी काम था। इसमें भी उनके कई दुश्मन बन गए थे। अनुज की हत्या उनकी दुश्मनी की असल कारण मानकर पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच में जुटी है। अनुज के रिश्तेदार संदीप सिंह बताते हैं कि उनके मामा प्रीतम सिंह सीधे इंसान हैं। कभी राजनीति में नहीं पड़े और खेती- किसानी करते हैं लेकिन, अनुज कक्षा 12 तक पढ़ाई करने के बाद वह राजनीति से जुड़ गए थे। भाजपा के कई बड़े नेताओं से उनके सीधे संपर्क हो गए थे। अनुज के राज्य सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री से अच्छे रिश्ते हो गए थे। यही कई वजहें रही कि असमोली ब्लॉक प्रमुख पद के लिए प्रभाकर चौधरी की पत्नी का भाजपा से टिकट कटकर अनुज चौधरी को मिला था। जिस पर प्रभाकर चौधरी ने अपनी पत्नी संतोष देवी को निर्दल चुनाव लड़ाया था और वह जीत भी गए थे।
रेकी के बाद हमला कर उतारा मौत के घाट
पुलिस सूत्रों की मानें तो हमलावर अपने को सुरक्षित कर अनुज चौधरी की हत्या की योजना पिछले कई दिनों से बना रहे थे। अनुज दिन में कहां रहते हैं? वारदात के लिए वह स्थान कितना सुरक्षित है। इसे भी वह पहले से देखभाल और समझ रहे थे। हमलावर कई दिनों से अनुज की रेकी कर रहे थे। जिस पर उन्हें सबसे सुरक्षित स्थान पार्श्वनाथ प्रतिभा सोसाइटी मिला, जहां अनुज रुकते थे। यह अक्सर हाउसिंग सोसाइटी परिसर में शाम के वक्त वॉक करते थे। ये बात हमलावरों का पता चल गई थी।
हमलावरों ने अनुज पर निगाह गड़ा दी थी। पता चला है कि वारदात को अंजाम देने से पहले हमलावर जांच-परख लिए थे कि सोसाइटी में वॉक कर रहे तीन लोगों में सबसे बाएं अनुज चौधरी है और वह अनुज के पहने कपड़े का रंग भी जान लिया था। इसके बाद ही हमलावर गेट पर ड्यूटी कर रहे गार्ड से अनुज से मिलने की बात कहकर सोसाइटी में घुसे और वॉक करते हुए दूसरे गेट की ओर बढ़ रहे अनुज चौधरी को पहली गोली बाइक पर सबसे पीछे बैठे युवक ने ही मारी।
गोली लगते ही अनुज सड़क पर गिर गया। तभी चलती बाइक से पीछे बैठा युवक उतर कर दूसरी गोली मारी। चालक ने बाइक तुरंत कंट्रोल की और मोड़कर कुछ पल खड़ा रहा, उसके दोनों साथी अनुज पर गोलियां बरसाते रहे। उसकी मौत सुनश्चित करने के बाद ही वह लोग मौके से हटे, तब तक बाइक स्टार्ट रही और फिर वह लोग दूसरे गेट से तेज रफ्तार से निकल भागे।
आगंतुक रजिस्टर पर अनुज के लोगों की नहीं होती थी इंट्री
शुरूआती दौर में अनुज को संभल पुलिस ने तीन गनर दिए थे। दो गनर अप्रैल में वापस हो गया था। अनुज ने दो निजी सुरक्षा गार्ड भी रखे थे। वारदात के दिन गुरुवार को निजी गार्डों में एक छुट्टी पर था। घटना के समय सरकारी व एक निजी गार्ड थे, वह भी फ्लैट में। अनुज दोस्त पुनीत चौधरी संग सोसाइटी में वॉक कर रहा था। सोसाइटी के गेट पर ड्यूटी करने वाले गार्डों ने बताया कि अनुज ने उन लोगों से पहले से कह रखा था कि जो व्यक्ति उनसे मिलने आए, उसकी आगंतुक रजिस्टर पर नोटिंग न किया करें। इसलिए गार्ड अनुज से मिलने आने वालों की रजिस्टर पर इंट्री भी नहीं करते थे। अनुज को हमले का अंदाजा नहीं था।
अनुज हत्याकांड में मोहित पर हमले से भी जुड़े हो सकते कनेक्शन
अनुज चौधरी हत्याकांड में पुलिस तमाम बिंदुओं पर जांच कर रही है। पुलिस 2 दिसंबर 2020 को अमरोहा में रजबपुर क्षेत्र में हाईवे पर हुए गोलीकांड के आरोपियों की भी परत उधेड़ रही है। चूंकि, जब मोहित चौधरी पर हमला हुआ था, तब ब्लॉक प्रमुखी को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। मोहित चौधरी इस मामले में संतोष देवी के खेमे में था। संतोष देवी के पति प्रभाकर चौधरी से उसके अच्छे रिश्ते थे। इनके सामने अनुज चौधरी थे। मोहित का भाई अमित केजीके पीजी कॉलेज में क्लर्क है। दो दिसंबर 2020 में हाईवे पर हुए गोलीकांड में मोहित चौधरी पर सरेआम गोलियां बरसाई गई थीं। मोहित को आठ गोलियां लगी थीं। इस घटना में मोहित के भाई अमित कुमार ने अज्ञात में केस दर्ज कराया था। बाद में परिजनों ने सुशील चौधरी और अनुज चौधरी पर इस हमले का आरोप लगाया था। अब अनुज चौधरी की हत्या में मोहित चौधरी का भाई अमित नामजद है। मोहित चौधरी छात्र नेता दीपक चौहान हत्याकांड में आरोपी है। वह बरेली जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
पड़ोस में ही हैं गांव
पूरे विवाद की जड़ में असमोली के ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी बताई जा रही है। मृतक अनुज चौधरी का गांव अलिया नेकपुर और ब्लॉक प्रमुख संतोष देवी का गांव हाजीबेड़ा और मोहित चौधरी का गांव भवालपुर आस-पास ही हैं। चुनाव की तैयारियों को लेकर अनुज और मोहित चौधरी में कहासुनी भी हुई थी। अनुज को पता था कि मोहित शातिर अपराधी है। मोहित चौधरी की गिनती टॉप के शूटर्स में है। अपने ऊपर हुए हमले से पहले मोहित हत्या की कई घटनाओं में आरोपी हो चुका था।
25 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी में थे अनुज
2021 में ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने के बाद से ही अनुज चौधरी की रंजिश हो गई थी। ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर बैठने की कोशिश में जुटे अनुज ने ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी थी। बताया जा रहा है कि इधर फिर से 25 अगस्त को अनुज अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में थे। इसके लिए उन्होंने बीडीसी सदस्यों को भी जुटाना शुरू कर दिया था। पूर्व में अक्टूबर 2022 में भी अनुज ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाए थे लेकिन, एक शासनादेश के कारण वह कामयाब नहीं हुए थे। अक्टूबर 2022 में पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद से ही अनुज प्रभाकर चौधरी की नजर में और अधिक चढ़े थे। ब्लाक प्रमुख की कुर्सी के चक्कर में ही अनुज और प्रभाकर के बीच पहले भी कई टकराव हुए थे।
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