बरेली: हर ओर आजादी का जश्न...स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पार्क में बदहाली
सुरेश शर्मा नगर वार्ड में बने पार्क की उपेक्षा, अफसर और नेताओं ने भी नहीं ली सुध, महीनों से पार्क में नहीं हुई सफाई, जहां तहां गोबर और कूड़ा बिखरा, महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं साफ तक नहीं की गईं
भारत रत्न शास्त्री जी की प्रतिमा का हाल
बरेली, अमृत विचार : आजादी की 77 वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के लिए हर घर तिरंगा लहराने के लिए सरकारी मशीनरी जुटी है। शहर में स्वच्छता अभियान चलाने के साथ ही नगर निगम सफाई कर्मियों को सम्मानित कर रहा है।
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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दिनभर सरकारी विभागों ने अमृत महोत्सव के कार्यक्रम कराए लेकिन उन महापुरुषों की तरफ न किसी प्रशासनिक अधिकारी और न जनप्रतिनिधि ने ध्यान दिया है, जिनकी वजह से आज हम सब स्वतंत्र रूप से खुली हवा में आजादी का जश्न मना रहे हैं। शहर के सुरेश शर्मा नगर वार्ड क्षेत्र में इकलौते स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पार्क में महीनों से साफ-सफाई नहीं हुई है।
सोमवार शाम अमृत विचार ने पार्क की स्थिति परखी तो खराब हालत मिली। पार्क परिसर में कूड़ा बिखरा था। जानवरों के पार्क में बैठे रहने से जहां-तहां गोबर फैला था। आसपास के लोग भी यहां कूड़ा फेंक रहे हैं। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा भी बदहाल है। प्रतिमा के पास बारिश का पानी भर जाता है।
गंदगी पड़ी है। यही स्थिति नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के पास है। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पुरुषोत्तम दास टंडन की प्रतिमा के आसपास भी गंदगी फैली है। ये प्रतिमाएं रंग-रोगन की बाट जोह रही हैं।
इनके साथ ही पार्क में छोटे कमरे की छत के नीचे महात्मा गांधी, उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा लगी है। ये प्रतिमाओं की भी महीनों से साफ नहीं हुई है।
दीवारों से प्लास्टर छूटकर गिर रहा है। जिस शिलापट पत्थर से पार्क की पहचान होती है, उसपर लिखे अक्षर और सन मिट चुकी है। पिछले साल नगर निगम ने पार्क में जलभराव खत्म करने के लिए मिट्टी डलवाई थी, तब शिलावट दब गया था। पार्क में पहले हरे-भरे पेड़ थे, लेकिन अब कई कट गए हैं।
पार्क के अंदर टहलने के लिए नहीं बना है फुटपाथ: पार्क परिसर में मिट्टी के सिवा और कुछ नहीं है। तेज हवा चलने पर धूल उड़ती है। लोगों के टहलने के लिए फुटपाथ भी नहीं बना है। इस पार्क के तीन गेट हैं। वनखंडीनाथ मंदिर रोड से पार्क के लिए सीधा रास्ता है। पार्क के मुख्य गेट के सामने ही महात्मा गांधी की प्रतिमा कक्ष के पीछे ही दूसरा गेट है।
लोग इन्हीं गेटों से आना-जाना करते हैं। तीसरा छोटा गेट पूर्वी साइड में है। ये गेट हर समय खुले रहते हैं, इसलिए जानवरों का पार्क में जमावड़ा रहता है। तमाम लोग महात्मा गांधी प्रतिमा वाले कक्ष की आड़ में बैठकर जुआ खेलते हैं।
अमृत विचार के अभियान से ही जलकुंभी से मुक्त हुई थी शास्त्रीजी की प्रतिमा: 2021 में इस पार्क में भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा ''जलकुंभी'' से जकड़ी हुई थी। वहां तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता तक नहीं था। 75वीं वर्षगांठ पर अमृत विचार ने पार्क की दुर्दशा का मुद्दा उठाया था, तब वनमंत्री डाॅ. अरुण कुमार की पहल पर नगर निगम ने पार्क की सुध ली और जलकुंभी हटवाने के साथ मिट्टी डलवाई थी।
1989 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पार्क का हुआ था उद्घाटन: पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पत्नी ललिता शास्त्री ने 11 अप्रैल 1989 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पार्क का उद्घाटन किया था। इसका जिक्र वहां के शिलापट्ट में भी है। बताते हैं कि कॉलोनी को बसाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दीनानाथ मिश्र थे। उन्हीं के प्रयासों से पार्क बनाया गया था।
क्या कहते हैं जिम्मेदार: इस पार्क में आसपास के लोग ही गंदा करते हैं। लोग जुआ खेलते हैं। बीच में पार्क की सफाई कराई थी लेकिन फिर वही स्थिति हो गई। पार्क के सौंदर्यीकरण कराने का प्रस्ताव दिया है। पार्क की सुबह सफाई कराने की व्यवस्था करेंगे।- शारदा गुप्ता, पार्षद सुरेश शर्मा नगर
जनता को भी निगम का कुछ सहयोग करना चाहिए। निगम ने इस पार्क में काफी रुपये लगाकर इसकी दशा सुधारी थी, गेट व अन्य कार्य कराए थे, लेकिन अब वह भी अव्यवस्थित हो गए हैं। ये काम जनता के लिए ही पार्क में कराए गए थे। इसे दिखवाएंगे।- अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त द्वितीय
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