मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसा: बावनकुले ने विपक्ष के आरोप का किया खंडन, जांच की मांग की
अकोला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने विपक्ष के इन आरोपों का खंडन किया कि शुक्रवार को जालना में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई का आदेश प्रशासन ने दिया था या फिर यह ध्यान बंटाने की तरकीब थी।
शुक्रवार को धुले-सोलापुर मार्ग पर अंतरवली सारथी में पुलिस ने आरक्षण आंदोलन के तहत भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को कथित रूप से अस्पताल ले जाने से रोके जाने पर हिंसक भीड़ पर पर लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे।
इस हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे और 15 से अधिक सरकारी बसें फूंक दी गई थीं। हिंसा के सिलसिले में करीब 360 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। भाजपा की ‘जन संवाद यात्रा’ के तहत रविवार को यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए बावनकुले ने संशय दूर करने के लिए जालना हिंसा की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश कभी नहीं दे सकती, इसलिए इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।’’
उन्होंने मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। बावनकुले ने आरोप लगाया कि शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में इस समुदाय को दिया गया आरक्षण उद्धव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान ‘गंवा’ दिया गया, जबकि शरद पवार ने पिछले 40 वर्षों में इस मुद्दे पर कभी कुछ नहीं बोला।
अस्पताल में घायलों और जालना में पुलिस कार्रवाई स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे लोगों से शनिवार को मुलाकात करने के बाद पावर ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया था कि प्रदर्शनकारियों ने उन्हें बताया कि ‘‘उच्च स्तर से आए एक फोन ने पुलिस का रवैया ही बदल डाला और आंदोलन के शांतिपूर्ण होने के बाद भी कार्रवाई की गई।’’ पवार ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘प्रदर्शनकारियों ने मुझे बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और स्थानीय प्रशासन के साथ चर्चा की जा रही थी। प्रदर्शनकारी (महाराष्ट्र के) गृह मंत्री (और उपमुख्यमंत्री) देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने मुझे बताया कि पुलिस के पास ऊपर से एक कॉल आया और उसका रवैया बदल गया।’’
राकांपा प्रमुख ने कहा था, ‘‘कुछ लोग कहते हैं कि इस घटना का लक्ष्य विपक्षी गठबंधन की बैठक से ध्यान बांटना था।’’ शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी आरोप लगाया था कि पुलिस ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक से ध्यान बांटने के लिए सरकार के आदेश पर जालना में प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाईं। घटना वाले दिन मुंबई में विपक्षी गठबंधन की बैठक चल रही थी।
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