लखनऊ : लिगामेंट इंजरी में फिजियोथेरेपी का बड़ा महत्व, जानें क्या बोले केजीएमयू के डॉ. अरविंद कुमार
लखनऊ, अमृत विचार। कई बार चोट लगने पर बताया जाता है कि फ्रैक्चर नहीं हुआ है बल्कि लिगामेंट इंजरी हो गई है। लिगामेंट इंजरी में फिजियोथेरेपी ( Physiotherapy) का खासा महत्व है और जरूरी भी। लिगामेंट इंजरी में फिजियोथेरेपी कराने से अच्छे परिणाम आते हैं। यह जानकारी केजीएमयू (KGMU) स्थित पीएमआर विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरविंद कुमार ने शुक्रवार को दी। वह विश्व फिजियोरेरेपी दिवस पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम केजीएमयू के शाताब्दी अस्पताल में आयोजित किया गया था।
डॉ.अरविंद कुमार ने बताया कि लिगामेंट इंजरी माइल्ड (हल्की चोट), मध्यम गंभीर और अति गंभीर हो सकती है। इसको इस तरह भी समझ सकते हैं कि हल्की चोट में लिगामेंट की टीयरिंग ज्यादा गंभीर नहीं होती। इस मध्यम मोच कह सकते हैं जिसमें पार्शियल टीयरिंग होती है। इन दोनों प्रकार की इंजरी में फिजियोथेरेपी काफी कारगर होती है, लेकिन अतिगंभीर मामले मे गंभीर मोच होता है। जिसमें लिगामेंट पूरी तरह से टूट जाता है। इसका इलाज बिना सर्जरी नहीं किया जा सकता है, लेकिन सर्जरी के बाद भी फिजियोथेरेपी की मदद से मसल्स (Muscles) को मजबूत किया जाता है। इस तरह फिजियोथेरेपी की जरूरत आज के समय में हड्डी से लेकर मांसपेशियों तक की चोट को ठीक करने में है।
इस अवसर पर केजीएमयू में हुए समारोह में प्रमुख रूप से अतिथि रहे स्पोर्ट्स मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार ने जोड़ो के प्रत्यारोपण की उपयोगिता पर वार्ता की। डॉ. अभिषेक सैनी ने घुटने के लिगामेंट की चोट का उपचार व रिहैबिलिटेशन पर चर्चा की। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर वीरेन्द्र कुमार ने इस अवसर पर सभी फिजियोथेरेपिस्ट को शुभकामनाएं दीं तथा प्लास्टिक सर्जरी करने के बाद सही फिजियोथेरेपी होने से सर्जरी की सफलता पर प्रकाश डाला तथा इसके महत्वूपर्ण योगदान पर चर्चा की । समारोह में प्रोविंशिल फिजियोथेरेपी एसोशिएसन के अध्यक्ष डॉ. अतुल मिश्रा ने आधुनिक परिवेश में चिकित्सा क्षेत्र में फिजियोथेरेपी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज फिजियोथेरेपी चिकित्सा के हर क्षेत्र में अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर चुकी है। इस अवसर पर डॉ. प्रणय सिंह, डॉ. रविन्द्र गौतम, डॉ. श्रद्धा वर्मा आदि फिजियोथेरेपिस्ट ने प्रमुख रूप से प्रतिभाग किया।
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