रुद्रपुर: कोविड उपचार में लापरवाही बरतने पर दो चिकित्सकों पर हुआ मुकदमा

तीन साल बाद दर्ज हुई रिपोर्ट,एसएसपी ने किए आदेश

रुद्रपुर: कोविड उपचार में लापरवाही बरतने पर दो चिकित्सकों पर हुआ मुकदमा

आरोपी चिकित्सकों पर लगाया गुमराह करने का आरोप

रुद्रपुर, अमृत विचार। वर्ष 2021 में कोविड काल में एक मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने और तीमारदारों को गुमराह करने का आरोप प्रकरण में एसएसपी के आदेश पर दो चिकित्सकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता का आरोप था कि चिकित्सकों द्वारा रिपोर्ट नहीं देने और पिता की मौत का जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार मोहल्ला छिपियान पूर्वी जसपुर थाना जसपुर निवासी सतीश कुमार ने बताया कि 22 जुलाई 2020 को उसके पिता हंसराज अरोरा की कोरोना एनटिजन रिपोर्ट हुई थी। उस वक्त पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिता को काशीपुर कोविड केयर सेंटर भेज दिया। उस वक्त कोविड प्रभारी डॉ प्रमेंद्र तिवारी थे।

आरोप था कि कोविड प्रभारी ने नियमों का हवाला देते हुए पिता को भर्ती कर लिया और उनके साथ किसी को रहने की कोई अनुमति नहीं दी। बताया कि 24 जुलाई 2020 को जब पिता से फोन पर वार्ता की, तो उन्होंने बताया कि उन्हें बुखार है और कोई भी डॉक्टर देखभाल नहीं कर रहा है। जब डॉक्टर से पूछा,तो बताया कि मरीज का ऑक्सीजन लेवल 92 फीसदी है।

जिसको ध्यान में रखते हुए मरीज को रुद्रपुर कोविड सेंटर रेफर किया गया है। बताया कि वह अ पने पिता को लेकर रुद्रपुर पहुंचा और तत्कालीन कोविड प्रभारी डॉ गौरव अग्रवाल से संपर्क कर भर्ती कराया और लगातार डॉ गौरव से संपर्क कर स्थिति की जानकारी लेता रहा। आरोप था कि बार बार आरोपी चिकित्सक ने उसके पिता को जल्द ठीक करने का आश्वासन दिया,जबकि वह पिता की आरटी पीसीआर टेस्ट की गुहार लगाता र हा।

आरोप था कि पांच अगस्त 2020 को कोविड वार्ड में भर्ती किसी परिचित ने फोन कर बताया कि उसके पिता बाथरूम में गिर कर घायल हो गए और उनकी हालत खराब है। बावजूद आरोपी चिकित्सक गुमराह करता रहा। जिस पर बड़ी मुश्किल से वह अपने पिता को दिल्ली के मेदांता अस्पताल ले गया। जहां जांच रिपोर्ट में पता चला कि उसके पिता की हालत बेहद खराब है और लिवर किडनी पर बुरा असर पड़ चुका है,जबकि दिल्ली के डॉक्टर बार बार रुद्रपुर उपचार की रिपोर्ट मांग रहे थे।

मगर कई बार विनती करने के बाद भी चिकित्सक द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजी और न ही चिकित्सक से वार्ता की। सात अगस्त 2021 की दोपहर को उपचार के दौरान पिता की मृत्यु हो गई। पिता का दाह संस्कार और संस्कार रस्म पूर्ण करने के बाद मृतक के बेटे सतीश कुमार ने एसएसपी को शिकायत पत्र देकर दोनों चिकित्सकों पर उपचार में लापरवाही बरतने और बार-बार गुमराह करने का आरोप लगाया और अपने पिता की मौत का जिम्मेदार ठहराया। जिस पर एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी।


जांच के नाम पर टहलाती रही पुलिस

कोविड उपचार में लापरवाही बरतने और दोनों चिकित्सकों पर अपने पिता की मौत का जिम्मेदार ठहराने वाले शिकायतकर्ता को पुलिस जांच के नाम पर टहलाती रही। शिकायतकर्ता का आरोप था कि 27 दिसंबर 2021 को पिता संस्कार रस्म को पूर्ण करने के बाद उसने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। मगर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी तत्काल दोनों चिकित्सकों के खिलाफ जल्द जांच कर रिपोर्ट बनाने का झांसा देते रहे। बावजूद इसके शिकायतकर्ता ने दोनों चिकित्सकों के खिलाफ मोर्चाबंदी नहीं छोड़ी और आखिरकार तीन साल के संघर्ष के बाद रिपोर्ट दर्ज करवाने में सफलता प्राप्त की।



शिकायतकर्ता के सवाल,क्यों करते रहे गुमराह

वर्ष 2021 में कोविड उपचार में लापरवाही के आरोप चिकित्सकों से मृतक के बेटे ने आखिरी समय तक यही सवाल पूछा कि उस को बार बार क्यों गुमराह किया जाता रहा। शिकायतकर्ता का आरोप था कि काशीपुर कोविड प्रभारी से लेकर रुद्रपुर कोविड प्रभारी बने डॉक्टरों ने उसे कई बार झांसा दिया। यहां तक कि मेदांता रेफर होने के बाद तक आरोपी चिकित्सक उसे कोविड रिपोर्ट देने से इनकार करते रहे और जब फोन पर बात कराने की कोशिश की। तो बात करने से भी इंकार कर दिया, जबकि महज रैफर, खून जांच रिपोर्ट और एक्स रे की रिपोर्ट देकर टहला दिया। आरोप था कि डॉक्टर ने उसे उपचार में दिए जाने वाली औषधियों की रिपोर्ट नहीं दी और न ही आरटी पीसीआर की जांच की।

 

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