मुरादाबाद: बाढ़ से खराब हो गई 900 बीघा फसल, 10,000 की आबादी प्रभावित
दुश्वारी: विभागों की ओर से कराया जा रहा बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन, रामगंगा नदी का जलस्तर हुआ कम, नागरिकों की दुश्वारियां बरकरार
मुरादाबाद, अमृत विचार। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में 900 बीघा फसल बर्बाद हो गई। महानगर और ग्रामीण क्षेत्रों में 10,000 की आबादी भी इससे प्रभावित है। रामगंगा नदी का जलस्तर कम होने के बाद भी लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित फसल में गन्ना, धान और चारा शामिल है। नुकसान का सर्वे विभागों की ओर से कराया जा रहा है।
रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने पर काफियाबाद, घोसीपुरा, मुस्तफापुर, खैय्या खादर, हरपाल नगर, रनियाठेर, देवापुर, इमलाक, ताजपुर, रसूलपुर नंगला समेत 39 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए। प्रशासन बाढ़ से 10,000 की आबादी को प्रभावित मान रहा है। लेकिन, वास्तव में यह संख्या कहीं अधिक है। शुक्रवार को रामगंगा नदी का जलस्तर घटकर 189.60 मीटर पर आ गया, लेकिन अभी नुकसान के निशान बाकी हैं। कई किसानों की पूरी फसल पानी में डूब कर खराब होने से उनके सामने भुखमरी की स्थिति है। एसडीएम सदर विनय पांडेय ने बताया कि 39 गांव आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें कुछ गांव गैर आबाद भी है। इन गांवों में 8- 10,000 की आबादी प्रभावित हुई है।
इस साल रामगंगा दो बार लाल निशान के पार
रामगंगा नदी ने इस साल अगस्त और सितंबर में दो बार लाल निशान पार किया। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक रहा। बाढ़ का पानी खेतों में भरने से फसलें जलमग्न हो गईं। आवागमन भी प्रभावित रहा। अब पानी कम होने पर बीमारियों का खतरा सता रहा है। महानगर के भोलानाथ कालोनी, सूरजनगर, नवाबपुरा, जामा मस्जिद क्षेत्र में जलभराव हो गया। ग्रामीण क्षेत्र में करीब 900 बीघा फसल को बाढ़ से नुकसान हुआ है।
बर्बाद हुई फसल का किसान ले सकते हैं बीमा क्लेम
मुरादाबाद। बाढ़ से बर्बाद फसल का बीमा क्लेम किसान ले सकते हैं। उनको बीमा कंपनी को जानकारी देनी होगी। कृषि विभाग की ओर से फसलों का बीमा कराया जा रहा है। पिछले साल 347 किसानों ने बीमा क्लेम लिया।
किसानों की धान, उड़द और सरसों की फसल का बीमा कराने में ज्यादा रुचि रहती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 10 अगस्त तक चले अभियान में 5,000 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया। इससे किसानों को यह फायदा रहता है, किसी आपदा से अगर फसल को नुकसान हो जाए तो बीमा क्लेम पा सकते हैं। इसकी जानकारी किसान को 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को देना जरूरी है। पिछले साल 347 किसानों को 61.24 लाख का बीमा क्लेम का भुगतान किया गया। जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित फसलों का सर्वे कराया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। किसान फसलों के नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी को देकर क्लेम ले सकते है।
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