UP: शिक्षक भर्ती घोटाले में घूस मांगने वाला दरोगा निलंबित, विवेचक वादी पर समझौते का बना रहा था दबाव, DCP ने की कार्रवाई

कानपुर में शिक्षक भर्ती घोटाले में घूस मांगने वाला दरोगा निलंबित कर दिया गया।

UP: शिक्षक भर्ती घोटाले में घूस मांगने वाला दरोगा निलंबित, विवेचक वादी पर समझौते का बना रहा था दबाव, DCP ने की कार्रवाई

कानपुर में शिक्षक भर्ती घोटाले में घूस मांगने वाला दरोगा निलंबित कर दिया गया। डीसीपी ने कार्रवाई की। विवेचक वादी पर समझौते का दबाव बना रहा था।

कानपुर, अमृत विचार। शिक्षक भर्ती घोटाला कांड में घूस मांगने वाले बर्रा थाने में तैनात दरोगा को सोमवार को डीसीपी साउथ ने निलंबित कर दिया। इसके साथ ही मामले में जांच एसीपी नौबस्ता को सौंप दी गई। दरोगा वादी से बिना लिखा-पढ़ी के फोन पर पैसे लेकर समझौता करने का दबाव बना रहा था और आधी रकम खुद को देने की बात कह रहा था। वादी व दरोगा की बातचीत का आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद मामला अधिकारियों ने संज्ञान में लिया था। 

बर्रा थानाक्षेत्र के कर्रही संघर्ष नगर निवासी संदीप सिंह राठौर ने दो दिन पहले पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार से शिकायत की थी कि बर्रा थाने में तैनात दरोगा राजेश कुमार सिंह मुकदमे के आरोपी राजीव सिंह से साठगांठ करके समझौता करने का दबाव बना रहा है। समझौते में मिली रकम का आधा हिस्सा देमांग रहा है। संदीप ने शिकायत के साथ दरोगा का रुपये मांगते ऑडियो भी पुलिस कमिश्नर को सौंपा था।

पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे। डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने मामले की जांच कर एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय को सौंपी थी। सोमवार को एसीपी नौबस्ता ने जांच रिपोर्ट डीसीपी साउथ को सौंपी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर दरोगा राजेश कुमार को निलंबित कर दिया गया । डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने बताया कि एसीपी नौबस्ता को दरोगा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए है। 

यह था मामला

बर्रा के संघर्ष नगर निवासी संदीप सिंह ने अगस्त 2022 में  ग्वालियर निवासी अपने ममेरे  बहनोई राजीव सिंह व उनकी पत्नी बबिता, साथी रामशरण समेत अन्य लोगों के खिलाफ बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। संदीप ने बताया था कि उनकी पत्नी रूपा की शिक्षा विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर राजीव व उसके साथियों ने 34 लाख रूपये हड़प लिए थे और उन्हें हलीम मुस्लिम इंटर कालेज का फर्जी चयन पत्र दे दिया था।

दो शिक्षक भेजे गए थे जेल 

पुलिस जांच में पाया गया था कि राजीव ने साथियों के साथ मिलकर कई जनपदों में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज कानपुर देहात निवासी अनिल कुमार, औरैया, बेला निवासी बृजेंद्र कुमार उर्फ दीपू और सुशील उर्फ अजय की प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी लगवाई थी। दो शिक्षकों अनिल, बृजेंद्र व राजीव को गिरफ्तार कर जेल भेजकर मामले की जांच दरोगा राजेश कुमार को सौंपी गई थी।

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