
भारत में रहना होगा तो राम-राम कहना होगा : आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
हिन्दू राष्ट्र के लिए सनातिनयों से किया एक होने का आह्वान
जालौन, अमृत विचार। पचोखरा धाम में चल रहे पंच कुंडीय श्री राम महायज्ञ में शामिल होने के लिए बागेश्वर धाम के महाराज आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पहुंचते ही पांडाल जय श्री राम, बागेश्वर धाम की जयकार से गूंज उठा। उन्होंने मंच से कहा कि अधर्मियों से निपटने के लिए हम अकेले ही काफी है। भारत में रहना होगा तो राम राम कहना होगा। हिन्दू राष्ट्र के लिए सनातनियों का आह्वान किया। माथे पर तिलक लगाने की शपथ दिलाई। सनातन धर्म न कभी मिटा है और न कभी मिटेगा। संतों की महिमा का गुणगान किया और कहा कि संत न होते जगत में तो जल मरता संसार।
बागेश्वर धाम के महंत आचार्य विश्व विख्यात कथा वाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पचोखरा धाम पहुंचते ही सबसे पहले विश्व विख्यात संत गोलोकवासी राजेश्वरानंद जी उर्फ राजेश रामायणी की समाधी स्थल पर पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए वन्दन अभिनंदन किया। इसके बाद वह सीधे मंच पर पहुंचे। यहां पर मौजूद जनसैलाब का हाथ जोड़कर अभिनंदन किया। अमर शांति आश्रम पचोखरा के महंत गुरुप्रसाद शर्मा ने उनके चरणों का वंदन किया। इसके बाद वह अपने बुंदेलखंडी स्टाइल में आए और उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि पचोखरा की भूमि धन्य है जहां पर राजेश्वरा नंद जी जैसे संत ने जन्म लिया। जब कोई संत जन्म लेता है तो वहां की संस्कृति आगे बढ़ती है। उन्होंने कहा कि पचोखरा आज से मेरा भी धाम हो गया मै यहां पर आता रहूंगा।
पचोखरा का परचम रामकथा के माध्यम से पूज्य संत राजेश्वरानंद जी ने पूरे विश्व में फहराया। इस दौरान उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में हिन्दू राष्ट्र की बात कही। उन्होंने एक साथ सभी की अर्जी लगवाई और कहा कि सनातनी अपने धर्म का पालन करें। माथे पर तिलक अवश्यक लगाएं। कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता इंतजाम रहे।
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