रुद्रपुर: पहले बनाई सोसाइटी,फिर पांच राज्यों में फैलाया महाठगी का जाल

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। दो साल से फरारी काटने वाले इनामी बदमाश और एसटीएफ की पकड़ में आए अंतर्राज्यीय ठग गिरोह के सरगना विकास नाथ त्रिपाठी शुरू से ही शातिर दिमाग का रहा है। यहीं कारण है कि उसने पहले अपना नेटवर्क बनाया और कुछ साल पहले हल्द्वानी व खटीमा में जेकेवी मल्टी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाकर उसका डायरेक्टर बना।

सोसाइटी बनाने के साथ ही आरोपी ने धैर्यता से पह ले लोगों पर अपना विश्वास बनाया और उसके बाद ठगी का खेल शुरू कर दिया। उसकी ठगी का मायाजाल जब बढ़ने लगा,तो उसने उ राखंड के अलावा पांच राज्यों में अपना नेटवर्क खड़ा कर दिया और अंतर्राज्यीय ठग बन गया।

एसटीएफ प्रभारी एमपी सिंह ने बताया कि वर्ष 2008 के करीब पकड़ा गया मास्टरमाइंड विकास ने हल्द्वानी और खटीमा में अपनी सो साइटी का कार्यालय खोला और उसको रजिस्टर्ड करवाने के बाद लोगों को मल्टी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से अपना निवेश कराया और लोगों को दोगुना मुनाफा देकर उनको ज्यादा मुनाफा देने का प्रलोभन दिया।

इसके बाद संगठित अपराध की सोच को आगे बढ़ाते हुए जब आरोपी ने खटीमा व हल्द्वानी में अपना पूर्णत या मजबूत नेटवर्क बना दिया। तो उसने यूपी,मध्य प्रदेश,राजस्थान व बिहार में अपनी ब्रांच खोलकर लोगों को कई प्रकार की योजना बता कर ब्याज का लालच देकर करोड़ों रुपए की धनराशि निवेश कर वानी शुरू कर दी।

अगर  ठग विकास की छोटी सी ठगी का आंकड़ा देखे,तो महज खटीमा में ही उसने 1.25करोड़ रुपये का गबन कर लोगों को चूना लगा चुका है। इसके अलावा हल्द्वानी में करीब 90 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया। बताया कि पकड़ा गया आरोपी ह र प्रदेश में अलग अलग स्कीम चलाता है। जैसे मल्टी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेश कर कार्ड बनाकर ब्याज दर बढ़ा कर दे देता या फिर निवेशकर्ता का पैसा दूसरे कामों में लगाकर उसको मुनाफा देना शुरू कर देता।

जब निवेशकर्ता को विश्वास और प्रलोभन का लालच लग जाता था। तो वह निवेशकर्ता का मोटी रकम लगाने का लालच देकर अंतर्राज्यीय ठग बन गया। इस महाठगी के नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए आला अधिकारियों ने एसटीएफ को विवेचना सौंप दी है। जिसके बाद एसटीएफ ने अपनी तफ्तीश को तेज कर दिया है।

गरीब-बेरोजगारों को करता था नेटवर्क टारगेट
रुद्रपुर। जेकेवी मल्टी क्रेडिट सोसाइटी का साजिशकर्ता ने अपने नेटवर्क से जुड़े सदस्यों को सख्त हिदायत दी कि सोसाइटी से जुडने वा ले निवेशकर्ता या तो गरीब,अशिक्षित कर्मी,बेरोजगार ही होगा,क्योंकि साजिशकर्ता जानता था कि शिक्षित को फंसाने में काफी रिस्क हो सकता है। यहीं कारण है कि उसकी ठगी के मायाजाल में फंसने वाले ज्यादातर गरीब तबका,बेराजेगार और अशिक्षित कर्मचारी ही है। इसके बाद एसटीएफ का दावा है कि प्रारंभिक पड़ताल में ठगी दो करोड़ रुपये है। तफ़्तीश में करोड़ों की ठगी निकल सकती है।

यूपी-उत्तराखंड में विकास पर दर्ज है 18 मुकदमे
रुद्रपुर। पैतृक गांव बोझिया लोहिया नगर मोतीपुर बहराइच यूपी का र रहने वाला विकास का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास है। एसटीएफ की तफ्तीश में पता चला है कि सोसाइटी के निदेशक विकास नाथ त्रिपाठी पर खटीमा में एक,हल्द्वानी में एक,यूपी के बरेली जनपद के अलग अलग थानों में 11,यूपी एटा में एक,थाना गजरौला अमरोहा में एक और आगरा के कमिश्नर थाना हरीपर्वत में एक मुकदमा ठगी का दर्ज है।

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