बरेली: कमिश्नर ने कहा- बच्चों को बताएंगे... कितना खतरनाक हो सकता है सोशल मीडिया

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

कमिश्नर की पहल, मंडल के चारों जिलों के सभी स्कूलों में होंगी कार्यशालाएं, साइबर मॉनिटरिंग सेल भी बनेगी

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार : लगातार रफ्तार पकड़ती जिंदगी में सोशल मीडिया का महत्व बढ़ा है तो बच्चों के भविष्य के लिहाज से वह पूरी दुनिया में चुनौती भी बनकर उभरी है। सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर पाबंदी तो नहीं लगाई जा सकती लेकिन बच्चों को जागरूक करने के साथ उनकी निगरानी कर उन्हें गैरकानूनी रास्तों पर भटकने से रोका जा सकता है।

इसी लिहाज से कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने नई पहल की है। इसके तहत मंडल के चारों जिलों के स्कूलों में कार्यशालाएं के आयोजन के साथ उनमें साइबर मॉनिटरिंग सेल के गठन का कार्यक्रम तैयार किया गया है।

सोशल मीडिया बच्चों के लिए किस हद तक खतरनाक साबित हो सकती है, शीशगढ़ में कुछ दिन पहले हुई घटना इसका उदाहरण है। एक मोबाइल कंपनी के डीलर के नवीं में पढ़ने वाले 14 साल के बेटे ने इंस्टाग्राम पर दूसरे समुदाय पर आपत्तिजनक धार्मिक टिप्पणी कर दी।

यह टिप्पणी वायरल हुई तो कस्बे में बवाल मच गया जो दो किशोरों की गिरफ्तारी के बाद शांत हुआ। सोशल मीडिया का यह खतरनाक पहलू बच्चे समझ सकें, इसी के लिए कमिश्नर के स्तर पर मंडल के चारों जिलों के पांचवीं से 12वीं तक के स्कूलों और डिग्री कॉलेजों तक में बच्चों और युवाओं को जागरूक करने की योजना बनाई गई है।

इसके तहत नियमित रूप से सभी स्कूलों-कॉलेजों में कार्यशालाएं आयोजित कर बच्चों को सोशल मीडिया की अच्छाई-बुराई से अवगत कराने के साथ उसके कानूनी पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ सभी स्कूलों में साइबर मॉनिटरिंग सेल का भी गठन किया जाएगा जो बच्चों की सोशल मीडिया पर गतिविधियों पर निगरानी रखेगी।

सुझावों पर मंथन कर शुरू किया जाएगा नया अभियान: कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के मुताबिक कार्यशालाओं में पांचवीं से ऊपर के बच्चों को यह जानकारी दी जाएगी कि उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए ताकि वे कानूनी पचड़ों में न फंसे और उनकी पोस्ट से सामाजिक तानाबाना न बिखरे।

कार्यशाला में अलग-अलग स्कूलों के बच्चों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों को बुलाया जाएगा।सोशल मीडिया का बेजा इस्तेमाल रोकने के लिए उनके सुझाव भी लिए जाएंगे। चारों जिलों से मिले सुझावों के आधार पर मंडल के सभी स्कूलों में एक नए अभियान की शुरुआत की जाएगी।

शिक्षकों को साइबर एक्सपर्ट से दिलाएंगे ट्रेनिंग: अभिभावकों और शिक्षकों के सुझाव के बाद स्कूलों में बच्चों पर निगरानी के लिए कुछ बिंदु तय किए जाएंगे। पुलिस के एक्स हैंडल की तरह इसके लिए स्कूलों में साइबर मॉनीटरिंग सेल बनेगी। स्कूल प्रबंधन को बच्चों पर कैसे निगरानी रखनी है, इसके लिए शिक्षकों को बुलाकर पुलिस लाइन में साइबर एक्सपर्ट से ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।

मास्टर ट्रेनरों की भी व्यवस्था की जाएगी। कमिश्नर ने बताया कि दिवाली से पहले बरेली और पीलीभीत में कार्यशाला होगी और दिवाली बाद शाहजहांपुर और पीलीभीत में। इसमें साइबर जानकारों के साथ मनोवैज्ञानिकों की भी मदद ली जाएगी ताकि वे बच्चों की काउंसलिंग कर सकें।

अब ज्यादातर बच्चों के हाथ में मोबाइल है और वे अंधाधुंध ढंग से सोशल साइटों का इस्तेमाल करते हैं। वे सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख देते हैं। कार्यशाला में इसी के खतरनाक परिणामों के बारे में बताया जाएगा।

कार्यशाला के बाद जो सुझाव मिलेंगे, उसके आधार पर स्थाई तौर पर योजना लागू की जाएगी। दिसंबर तक सभी स्कूलों में साइबर मॉनीटरिंग सेल बना दी जाएगी। शासन को भी यह सुझाव भेजा जाएगा ताकि उसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सके। - सौम्या अग्रवाल, कमिश्नर

ये भी पढ़ें - बरेली: महिला से 15 दिन पहले जबरन सुसाइड नोट लिखवाने का आरोप, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जलने से मौत की पुष्टि, नहीं मिली तहरीर

संबंधित समाचार