देवीपाटन मंडल से मिटाएंगे पिछड़ेपन का दंश: मुख्यमंत्री

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर जैसे आकांक्षात्मक जनपदों में विकास की असीम संभावनाएं हैं। कहा कि इन जनपदों के पिछड़ेपन का दंश मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर आवश्यक प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री शनिवार को लखनऊ स्थित आवास पर देवीपाटन मंडल और उसमें शामिल जिलों बलरामपुर, …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर जैसे आकांक्षात्मक जनपदों में विकास की असीम संभावनाएं हैं। कहा कि इन जनपदों के पिछड़ेपन का दंश मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर आवश्यक प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री शनिवार को लखनऊ स्थित आवास पर देवीपाटन मंडल और उसमें शामिल जिलों बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती और बहराइच की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि बौद्ध सर्किट का अहम हिस्सा होने के कारण इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। इन जनपदों में अच्छा कार्य हो रहा है। आवश्यक है कि इन क्षेत्रों पर फोकस करते हुए समन्वित विकास की कार्ययोजना बनाई जाए। इन जनपदों के पिछड़ेपन का दंश मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर आवश्यक प्रयास करेगी।

देवीपाटन मंडल में कोरोना की स्थिति नियंत्रित होने पर संतोष जाहिर करते हुए उन्होंने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाये जाने की जरूरत बताई। साथ ही, गोंडा में नए कोविड हॉस्पिटल को अधिकाधिक जनोपयोगी बनाने के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग को शेष बकाया राशि के भुगतान के लिए हर संभव कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को रोजी-रोजगार मिले, इसके लिए नियमित जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी के साथ बैठक करें। मंडल में वनटांगिया और थारू जनजाति बहुतायत है। इन्हें शासन की सभी योजनाओं से आच्छादित किया जाए। इनके गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जाए।

समीक्षा के शुरूआत में मंडलायुक्त एसवीएस रंगाराव ने मंडल में जारी 50 करोड़ रुपये से ऊपर की विकास परियोजनाओं की प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मंडल के सभी जिलाधिकारियों ने बारी-बारी से अपने जिले में चल रही 10 से 50 करोड़ रुपये तक की विकास परियोजनाओं के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों सांसद, विधायक और मंत्री से भी इस बाबत फीड बैक लिया। उनकी मांगों को पूरे गौर से सुना। भरोसा दिया कि वह स्थानीय प्रशासन के जरिए अपने प्रस्ताव बनवाकर शासन के संबंधित विभाग को भेजवाएं।

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