कुतुबखाना पुल: दिसंबर तक वादा पर मार्च से पहले काम पूरा होना मुश्किल

कुतुबखाना पुल: दिसंबर तक वादा पर मार्च से पहले काम पूरा होना मुश्किल

बरेली, अमृत विचार। अफसर और जनप्रतिनिधि जल्द से जल्द कुतुबखाना पुल का निर्माण पूरा कराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मार्च तक काम पूरा होने की उम्मीद कम ही है। पुल निर्माण की गति काफी सुस्त है। यह स्थिति तब है जब पिछले महीने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने काम की धीमी प्रगति पर कार्यदायी संस्था मंटेना इंफ्रासोल के एमडी अमित चौपड़ा को तलब किया था।

नगर आयुक्त की चेतावनी पर एमडी ने आनन-फानन में दिसंबर तक पुल का निर्माण पूरा करने वादा कर लिखित शपथ पत्र नगर आयुक्त को सौंप दिया था। वहीं जिला अस्पताल रोड पर 90 फीसदी काम पूरा होने के साथ ही कोहाड़ापीर रोड पर तंग सड़क पर भीड़भाड़ वाले इलाके में पुल का निर्माण रफ्तार पकड़ नहीं पकड़ पा रहा है।

इस पर कार्यदायी संस्था भी मार्च तक काम पूरा होने की संभावना जता रही है। व्यापारियों का कहना है कि जब अफसर और नेता छह महीने में निर्माण पूरा कराने का हवाई वादा कर सकते हैं तो कार्यदायी संस्था के एमडी के लिए झूठा वादा करने कोई बड़ी बात नहीं। वर्तमान में सभी का फोकस जिला अस्पताल रोड पर है। कोहाड़पीर रोड पर काम की यही रफ्तार रही तो बचा कारोबार भी पूरी तरह तबाह हो जाएगा।

करीब तीन हजार व्यापारी है प्रभावित

डेढ़ किमी लंबे कुतुबखाना पुल के दायरे में आने वाले बाजार में छोटे-बड़े करीब करीब तीन हजार दुकानदार हैं। इनसे 15 हजार से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी जुड़ी है। कोहाड़ापीर रोड के हार्डवेयर व्यापारी मोहित, रवि, जुनैद, राधेश्याम गुप्ता बताते हैं कि कार्यदायी संस्था का सारा फोकस नवरात्र, धनतेरस, दिवाली आदि त्योहारों के चलते जिला अस्पताल रोड पर रहा। कोहाड़ापीर रोड पर निर्माण कि सुस्त गति से ग्राहक बाजार से पूरी तरह गायब हैं।

पिछले कई दिनों से मजदूर भी इक्का दुक्का दिखाई दे रहे हैं। ग्राहक न होने से दुकानदार खाली बैठे रहते हैं। बैंक से लिया लोन और कर्मचारियों का वेतन नहीं चुका पा रहे हैं।

अवैध फड़ और ई रिक्शा बने मुसीबत

कोतवाली से घंटाघर चौराहा तक कुतुबखाना पुल का निर्माण पूरा होने पर जिला अस्पताल रोड के व्यापारी त्योहारी सीजन में कारोबार ठीक होने पर राहत महसूस कर रहे हैं। वहीं उनके सामने नई मुसीबत ई-रिक्शा हैं।

व्यापारी संजय आनंद, लवली, जितेंद्र अरोरा बताते हैं कि पुल के नीचे सर्विस रोड बन चुकी है, लेकिन जो समय पुल बनने से पहले थी वह फिर दिख रही है। अवैध रूप से लग रहे फड़ और ठेलों के अलावा ई-रिक्शा की आवाजाही पर रोक न लगाने से बाजार में हर समय जाम के हालात बने रहते हैं।

कुतुबखाना पुल का करीब 80 फीसदी का पूरा हो चुका है। कोतवाली से घंटाघर चौराहा तक एक तरफ की सर्विस लेन का थोड़ा काम बचा है। कार्यदायी संस्था ने 15 जनवरी तक काम पूरा करने का वादा किया है। ठेकेदार को स्पष्ट कर दिया गया है कि निर्धारित समय में बचा हुआ काम पूरा कर लिया जाए। -अरुण कुमार, डीपीएम, सेतु निगम

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