बरेली: दो साल से मनरेगा कार्मिकों के भविष्य निधि खाते में नहीं पहुंच रहा अंशदान
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बरेली, अमृत विचार। करीब दो वर्षों से मनरेगा कर्मचारियों के मानदेय और वेतन से हर माह ईपीएफ का पैसा कट रहा है, मगर भविष्य निधि के खाते में सरकारी अंशदान नहीं जमा हो रहा है। इससे कर्मचारी परेशान हैं और अब आंदोलन की तैयारी में हैं।
अंशदान जमा न होने से कर्मचारियों को ब्याज का नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। दरअसल, मनरेगा के कर्मचारियों के मानदेय और वेतन से हर माह कर्मचारी भविष्य निधि के लिए कटौती की जाती है। इसमें 12 प्रतिशत की कटौती कर्मचारी के पैसे होती है, जबकि 13 प्रतिशत सरकार की ओर अंशदान दिया जाता है।
इसके बाद पिछले दिनों मौजूदा वित्तीय वर्ष में छह महीने का अंशदान जमा कराने के लिए प्रक्रिया शुरू कराई गई थी, लेकिन इससे सभी कर्मचारियों को लाभ नहीं मिल सका। इसकी वजह थी कि कर्मचारियों के बिल मंजूर नहीं हो सके।
जल्द बनेंगी आंदोलन की रणनीति
ग्राम रोजगार सेवक संघ के जिलाध्यक्ष गंगादीन कश्यप के अनुसार रोजगार सेवकों का समय से मानदेय नहीं दिया जा रहा है।
भविष्य निधि अंशदान भी नहीं जमा हुआ है। उनका कहना है कि इसको लेकर बरेली से लखनऊ तक के अधिकारी समस्या के प्रति गंभीर नहीं हैं। ऐसे में जल्द ही ग्राम रोजगार सेवकों की बैठक की जाएगी, जिसमें आंदोलन की रणनीति तय होगी।
हर माह 2212 रुपये की हो रही कटौती
रोजगार सेवक का मानदेय दस हजार रुपये महीना है। 7788 रुपये ही खाते में आते हैं, जबकि हर माह 2212 रुपये की कटौती हो रही है। इस पैसे को भविष्य निधि के खाते में जमा नहीं करने से उन्हें ब्याज का नुकसान हो रहा है।
भविष्य निधि जमा करने के लिए प्रक्रिया पूरी करनी है। इसके लिए ब्लॉक वार हुए कार्य, कितने कर्मचारियों का अंश जमा किया गया है, इसकी जानकारी ब्लॉकों से मांगी गई है।
मो. हसीब अंसारी, डीसी मनरेगा
ये कर्मी हो रहे हैं प्रभावित
781 रोजगार सेवक, 50 तकनीकी सहायक, 13 एपीओ , 4 लेखा सहायक, 6 कंप्यूटर ऑपरेटर।
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