तिजोरी में बंद होंगी रोटी, बंदूक का रहेगा पहरा : राकेश टिकैत 

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Published By Priya
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भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता का चांदी का मुकुट पहना कर किया स्वागत, प्रदेश के प्रमुख महासचिव विजेंद्र यादव केआवास पर प्रेस वार्ता में सरकारों पर साधा निशाना

संभल/चन्दौसी, अमृत विचार। आने वाले समय में रोटी तिजोरी में बंद होगी। उस पर बंदूक का पहरा रहेगा। ताले में बंद  रोटी और भूख के आधार पर देश में रोटी की कीमतें तय होगी।

यह बात भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रेस वार्ता में कही। वह बदायूं महापंचायत को संबोधित करने जाते समय प्रगति विहार में भाकियू के प्रदेश प्रमुख महासचिव विजेंद्र सिंह के आवास पर प्रेस से वार्ता कर रहे थे। पंचायतों का दौर चल रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए क्या रणनीति होगी। इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव से उनका कोई संबंध नहीं है। न ही वह चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव राजनीतिक पार्टियां लड़ेंगी। सरकार की गलत नीति का विरोध अवश्य करेंगे।

कृषि बिल खत्म हो गया या फिर कुछ सस्पेंस बाकी है। इस पर कहा कि कानून तो वापस हो गए, लेकिन दूसरे उसी तरह के अनऑफिशियल कानून जरूर आ रहे हैं। जैसे बिहार में बाजार समिति नहीं हैं। इससे किसान धान 800 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल में बेच रहे हैं। वहां का व्यापारी किसान बन कर यहां धान ऊंचे दामों में बेच रहा है। किसान को अच्छा भाव नहीं मिल रहा है और व्यापारियों ने पूरे देश के किसानों को लूट लिया है। कहा कि फूड्स सिक्योरिटी पर बड़े उद्योग घरानों का कब्जा हो गया है। वह तो संघर्ष कर सकते हैं, अपनी बात रख सकते हैं। मामला बिहार का हो, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश या छत्तीसगढ़ का हो। सभी जगह सरकारें अलग-अलग हैं। कहा कि तेलंगाना वाली पॉलिसी यहां लागू हो जाए तो किसानों का कुछ भला हो सकता है। वहां प्रति एकड़ 10,000 रुपये किसान को मिलते हैं। यहां किसान को एक साल में 6000 रुपये हैं। यहां किसान को फसल के दाम नहीं मिलते।

उन्होंने छुट्टा पशुओं को बड़ी समस्या बताया। सरकार घोषणा पत्र में कहती है कि हमारी सरकार आयी तो किसानों को फ्री बिजली देंगे,लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। सरकारें गांव की अर्थ व्यवस्था को खत्म करना चाहती हैं। किसानों की जमीन छीनना चाहती हैं। सरकारें किसानों को उनकी फसल का दाम सही दें।   देश को आंदोलन बचाएगा। आंदोलन कमजोर होंगे तो सरकार गलत पॉलिसी लेकर आएगी। औद्योगिक गलियारों को जमीन देने के सवाल पर कहा कि आंदोलन करना जरूरी है। तेरह महीने आंदोलन चला। एमएसपी गारंटी कानून एक बड़ा सवाल देश में है। उसके लिए बड़े आंदोलन की जरुरत पड़ेगी। 
भगवा पगड़ी को बताया तिरंगे का रंग 
चन्दौसी : भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भगवा पगड़ी पहने थे। भगवा पगड़ी को तिरंगे का रंग बताते हुए कहा कि यह भी किसान का ही प्रतीक है। उनके सिर पर भगवा पगड़ी जरूर है, हरे रंग का गमछा भी गले में पड़ा है और सफेद रंग का कुर्ता पहने हुए हैं। यह रंग राष्ट्रीय ध्वज के प्रतीक हैं। राष्ट्र के लिए किसान हमेशा समर्पित रहता है। 

चांदी का मुकुट पहना कर किया स्वागत 
चन्दौसी, अमृत विचार : भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत व राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन सोमवार की सुबह 10:30 बजे प्रदेश प्रमुख महासचिव/प्रभारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश विजेंद्र सिंह यादव के प्रगति विहार स्थित आवास पर पहुंचे। यहां जिलाध्यक्ष मनपाल सिंह यादव ने राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन को चांदी के मुकुट पहनाकर व शाल भेंट कर स्वागत किया। चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों से निपटने के लिए किसानों को एकजुट होना होगा।

सरकारें किसान विरोधी रवैया अपनाए हुए हैं। सभी भाकियू कार्यकर्ता सदस्यता अभियान  चलाएं। ग्राम इकाई गठित करें। ट्रैक्टर प्रमुख, सहकारी समिति प्रमुख बनाएं। यह सरकार किसानों की भूमि हड़पना चाहती है। यह किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मुरादाबाद मनोज चौधरी, संभल जिलाध्यक्ष के साथ युवा जिलाध्यक्ष दिनेश यादव , मुकेश यादव, विपिन यादव, अमर सिंह राजपूत, चंद्रपाल सिंह यादव, महेश यादव, देशराज सिंह, जबर सिंह यादव, राजेश मोर्य, मोहर सिंह यादव, रामनिवास, उदयवीर सिंह यादव, रनवीर सिंह, सर्वेश कुमार फौजी, सोनू शर्मा, गजेन्द्र सिंह, डॉ. नौ सिंह ढिल्लो, मुनेन्द्र सिंह यादव, नेत्रपाल सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, चन्द्रप्रकाश यादव, किशन गोपाल यादव, राजकुमार यादव सहित तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

बदायूं जाते समय ग्राम बाकरपुर बेहतरी में लल्ला बाबू प्रधान उर्फ हरिशंकर के आवास पर चांदी का मुकुट पहनाकर व फूल मालाओं से राष्ट्रीय प्रवक्ता का स्वागत किया गया। इसके बाद चौधरी टिकैत अपने काफिले के साथ बदायूं के बिसौली रामलीला मैदान में होने वाली किसान-मजदूर महापंचायत के लिए रवाना हो गए।

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