पूर्व DGP सुलखान सिंह ने बनाई बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी, बांदा में बोले - सत्ता की हनक के आगे फीके पड़ जाते हैं सभी आंदोलन

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Published By Jagat Mishra
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बांदा ,अमृत विचार। प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया। बताया कि बगैर राजनीतिक दखल के बुंदेलखंड पृथक राज्य की कल्पना भी बेमानी है। उन्होंने इशारों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता की हनक के सामने बड़े-बड़े आंदोलन नक्कारखाने में तूती की आवाज बन कर रह जाते हैं। ऐसे में उन्होंने पृथक राज्य का संकल्प पूरा करने के लिए, राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए आम जनता को जोड़ना की बात कही। उन्होंने कहा कि तभी बुंदेलखंड राज्य बनाया सकता है। 

‘मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया’, शायद मजरूह सुल्तानपुरी की इन पंक्तियों को आधार बनाकर सूबे के पूर्व पुलिस प्रमुख सुलखान सिंह ने अकेले ही अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया। कहा कि अभी वह अकेले ही बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी का गठन करके बुंदेलखंड अलग राज्य की अलख जगाने निकले हैं। उन्होंने बुंदेलखंड राज्य न बन पाने के लिए दो राज्यों में बंटे होने को प्रमुख कारण बताया। कहा कि राजनीतिक दलों की महत्वाकांक्षा उन्हें छोटे राज्य बनाने से रोक रही है। 

पूर्व डीजीपी ने अपने नए दल का स्वरूप बताते हुए कहा कि उनके दल के पवित्र संकल्प के आधार पर लोगों जुड़ें और तन-मन-धन से सहयोग करके बुंदेलखंड के विकास के लिए अलग राज्य बनाने को आगे आएं। बताया कि उनके दल में सहयोग करने के लिए काेई भी समय देकर सक्रिय सदस्य बन सकते हैं, वहीं जो सक्रिय समय देने में समर्थ हैं, वह मनोयाेग से ही साथ रहने का संकल्प कर सकते हैं। जबकि साधन संपन्न लोग बुंदेलखंड राज्य के लिए आर्थिक रूप से भी मदद कर सकते हैं। 

उन्होंने सत्ताधारी भाजपा पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि सत्ताधारियों की हनक के आगे बड़े-बड़े आंदोलन भी बौने पड़ जाते हैं और फिर पिछड़े बुंदेलखंड के लोग तो किसी भी आंदोलन को लंबे समय तक चलाने भी समर्थ नहीं हैं। पूर्व डीजीपी ने दोनों राज्यों के 15 जनपदों में बंटे बुंदेलखंड क्षेत्र में गांव-गांव जाकर जनसंपर्क अभियान चलाने की संकल्प दोहराया। कहा कि बुंदेलखंड राज्य को लेकर यहां के निवासियों में जागरूकता और जनभावना विकसित करने की जरूरत है।

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