MBBS Student Murder: पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर संवेदनहीनता का आरोप, परिजनों ने जमकर किया हंगामा, SIT जांच की मांग

कानपुर में एमबीबीएस छात्र की मौत पर नाराज परिजनों ने हंगामा किया।

MBBS Student Murder: पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर संवेदनहीनता का आरोप, परिजनों ने जमकर किया हंगामा, SIT जांच की मांग

कानपुर में एमबीबीएस छात्र की हत्या कर दी गई। घटना से नाराज परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने एसआईटी जांच की मांग की।

कानपुर, अमृत विचार। एमबीबीएस छात्र साहिल सारस्वत उर्फ अमन के पिता बृजमोहन ने बताया कि रविवार सुबह दस बजे पुलिस ने उन्हें फोन पर बेटे की मौत की जानकारी दी। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उन्हें बताया था कि हॉस्टल की सीढ़ियों से गिरकर उसकी मौत हो गई है। वह तुरंत ही मथुरा से कानपुर के लिए रवाना हुए।

दोपहर में वह बेटे के हॉस्टल पहुंचे और वहां लगे कैमरों की फुटेज देखने की बात कही। लेकिन प्रबंधन ने साफ मना कर दिया। इसके बाद वह पुलिस से मिले लेकिन पुलिस ने भी जांच की बात कही। रात आठ बजे करीब परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और बेटे का शव देखने की मांग की। लेकिन पोस्टमार्टम के डॉक्टर ने प्रोटोकाल का हवाला देकर मना कर दिया। 

परिजनों ने वहीं पर पुलिस के साथ डॉक्टरों के खिलाफ हंगामा काटना शुरू कर दिया। इस बीच परिजनों की पुलिस और डॉक्टरों से जमकर कहासुनी हुई। जिसके बाद परिजनों ने कहा कि उन्हें कानपुर पुलिस पर विश्वास नहीं वह यहां शव का पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे। वह बेटे के शव को आगरा ले जाएंगे वहीं पोस्टमार्टम कराएंगे। मौके पर पहुंचे एसीपी कल्याणपुर विकास कुमार पांडेय के लाख मान मनौव्वल के बाद परिजन माने। इसके बाद देर रात साहिल के शव का पोस्टमार्टम पैनल और वीडियोग्राफी से शुरू हुआ। 

हत्या का गंभीर आरोप एसआईटी से जांच की मांग

साहिल के पिता बृजमोहन का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है। पूरे प्रकरण में उन्होंने पुलिस और कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पिता का कहना है कि उन्होंने पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार से फोन पर बात की और बेटे की हत्या की जांच एसआईटी से कराने की मांग की। लेकिन कमिश्नर ने यह कहकर मामले को टाल दिया कि जांच किससे करानी है यह हमारा काम है आपका नहीं।

पुलिस के इस व्यवहार से परिजन आक्रोश में दिखे। पोस्टमार्टम हाउस जैसे ही परिजन पहुंचे तो वहां मौजूद दरोगा और पुलिसकर्मी उन्हें पैनल और वीडियोग्राफी में कार्रवाई की बात समझाने लगे। परिजनों का आरोप था कि उन्हें आने के बाद बच्चे साहिल का चेहरा तक नहीं दिखाया गया।

इस पर परिजन उग्र होकर हंगामा करने लगे। यह देख पुलिस के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन पुलिसकर्मियों ने इसकी सूचना एसीपी कल्याणपुर विकास पांडेय को दी। जिसके बाद मालमा संवेदनशील होने के कारण वह महज पुलिस बल के साथ दस मिनट में पोस्टमार्टम पहुंच गए।

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