मथुरा: लोकसभा चुनाव से पहले जाट और मराठा बनाएंगे केंद्र में आरक्षण देने को सरकार पर दबाव
मथुरा, अमृत विचार। केंद्र में पिछड़ा वर्ग में जाट जाति को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय जाट महासभा केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगी। मराठा भी जाटों के साथ संघर्ष में शामिल होंगे। मराठा भी लंबे समय से केंद्र में पिछड़ा वर्ग में आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। जाट और मराठा की इसी महीने पूणे में होने वाली बैठक में आंदोलन की रणनीति भी तय की जाएगी।
केंद्र में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन इसमें जाट और मराठा शामिल नहीं हैं। वर्ष 2014 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने जाटों को केंद्र में आरक्षण देने की घोषणा की थी, लेकिन मामला न्यायालय में चले जाने के कारण जाट जाति केंद्र में पिछड़ा वर्ग में आरक्षण शामिल न हो सकी। मगर, जाट समाज तभी से आरक्षण की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार दबाव डाल रहा है।
रविवार को गोकुल बैराज स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया, मोदी सरकार जाट और मराठा जाति को केंद्र में पिछड़ा वर्ग में आरक्षण देने में आनकानी कर रही है। आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर नए सिरे से इसकी समीक्षा कर आरक्षण देने की बात कही, वह उस पर भी खरी नहीं उतरी। इसलिए अब जाट जाति और मरठा मिलकर केंद्र में पिछड़ा वर्ग में आरक्षण देने की मांग को लेकर एकजुट हो रहे हैं।
पुणे में इसी माह जाट और मराठा की संयुक्त बैठक होने जा रही है। इसमें आंदोलन की नीति तय होगी। अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि दिल्ली में भी महासभा की बैठक हो चुकी है। विभिन्न प्रांतों में भी बैठकों का दौर जारी है। इससे पहले उन्होंने जिले में संगठन का विस्तार करते हुए राजेश चौधरी को जिलाध्यक्ष और रामवीर सिंह भरंगर को प्रदेश उपाध्यक्ष की कमान भी सौंपी।
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