रायबरेली: लालगंज पुलिस की रिमांड को दीवानी मजिस्ट्रेट ने किया खारिज, मुलजिम को निजी मुचलके पर छोड़ा

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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गिरफ्तारी पर उप निरीक्षक को मिली नोटिस

रायबरेली, अमृत विचार। लालगंज पुलिस के द्वारा 650 ग्राम गांजे के साथ एक अभियुक्त को जेल भेजने की कोशिश पर उस समय पानी फिर गया जब दीवानी न्यायालय के कोर्ट नंबर 13 के मजिस्ट्रेट ने पुलिस की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए 14 दिन के रिमांड को खारिज कर दिया और विवेचक उपनिरीक्षक वकील खान को मुलजिम की विधि विरुद्ध गिरफ्तारी पर नोटिस भी जारी कर दिया।

बताते चलें कि भारत सरकार के एनडीपीएस एक्ट के तहत अभियुक्त की सजा जब्त की गई ड्रग्स की मात्रा पर आधारित होती है जिसमें स्मॉल क्वांटिटी यानी एक किलो से कम गांजा पाए जाने पर 1 वर्ष की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है ।वहीं मीडियम क्वांटिटी यानी 1 किलो से अधिक गांजा पाए जाने पर 10 वर्ष तक की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान है। इसके अलावा भारी मात्रा में गांजा पाए जाने पर 20 साल तक की सजा और 20 लाख रुपए जुर्माना है।

लालगंज पुलिस द्वारा पकड़े गए अभियुक्त पूरे राना मजरे भीरा गोविंदपुर निवासी रत्नेश उर्फ आजाद यादव पुत्र विजय बहादुर यादव के पास से पुलिस ने 650 ग्राम गांजा बरामद किया था और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पुलिस ने उसका रिमांड दाखिल करते हुए 14 दिन की हिरासत में जेल भेजने का अनुरोध किया था जिसे मुलजिम के अधिवक्ता के जिरह पर विद्वान मजिस्ट्रेट ने पुलिस के रिमांड को खारिज कर दिया और रत्नेश उर्फ आजाद यादव की गिरफ्तारी को विधि विरुद्ध बताते हुए उसे निजी मुचलके पर छोड़ते हुए एक सप्ताह के अंदर जमानत पत्र पेश करने का निर्देश दिया।

वहीं मजिस्ट्रेट ने लालगंज प्रभारी निरीक्षक के माध्यम से मुलजिम को गिरफ्तार करने वाले चौकी इंचार्ज नरपतगंज मनोज कुमार यादव को नोटिस तामील कराने का भी निर्देश दिया है। दीवानी कोर्ट के निर्णय से पुलिस महकमे में हड़कंप है।

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