'संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं, वे भूमिहार हैं, मैं राजपूत हूं', कुश्ती संघ पर एक्शन के बाद बोले बृजभूषण सिंह
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करक कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव संपन्न हुआ। संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं, वे भूमिहार हैं, मैं क्षत्रिय हूं। उन्होंने कहा कि मैं कुश्ती संघ से नाता तोड़ चुका हूं, मैंने तो विदाई ले ली है। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं। उनके पास कई अन्य जिम्मेदारियां हैं जिनमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव भी शामिल हैं।बृजभूषण ने भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद यह टिप्पणी की।
गोंडा में रेसलिंग चैंपियनशिप कराने पर बृज भूषण शरण सिंह ने कहा, 'हर फेडरेशन के लोगों ने हाथ खड़ा कर दिया कि हम इसे नहीं चला सकते है । युवाओं का भविष्य खराब ना हो इसलिए इस टूर्नामेंट को नंदनीनगर में कराने का फैसला किया गया। सभी फेडरेशन ने एकमत ये निर्णय लिया गया और और 31 दिसंबर तक यह टूर्नामेंट कराना था। हमारे पास नंदनी नगर में हमारा सारा इंफ्रास्ट्रक्चर है। सभी फेडरेशन ने इस पर अपनी सहमति दी। अभी भी मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वो इस टूर्नामेंट को अपनी देखरेख में करा ले। मैंने 12 साल में कैसा काम किया उसका मूल्यांकन मेरा काम करेगा।
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डब्ल्यूएफआई के निलंबन का आधार ‘उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और खिलाड़ियों को तैयारी के लिए नोटिस दिए बिना’ अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की ‘जल्दबाजी में की गई घोषणा’ बताया गया है। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि नई संस्था ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही थी जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है। डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।
बृजभूषण ने कहा, भारत में कुश्ती के संबंध में जो कुछ भी करना है वह निर्वाचित संस्था करेगी। मेरा अब इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है। मेरी अन्य जिम्मेदारियां भी हैं, जिन पर मुझे ध्यान देना है। मैं अब इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा। बृजभूषण उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा के मौजूदा सांसद हैं। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित देश के चोटी के पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था।
बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को वापस लौटा दिया था। इससे पहले गुरुवार को साक्षी मलिक ने इसी कारण से कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी।
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