पीलीभीत : 12 घंटे बाद हुआ रेस्क्यू, बाघ नहीं निकली बाघिन, चलाई चार डॉट, दो हुई मिस, फिर पिंजरे में कैद...
पीलीभीत, अमृत विचार। ग्रामीण के मकान की दीवार पर डेरा जमाए बाघ नहीं बाघिन बैठी थी। 12 घंटे बाद रेस्क्यू किए जाने पर उसे लेकर स्थिति स्पस्ट हो सकी। कुल चार डॉट चलाई गई, जिसमें से दो मिस हो गई, जबकि एक डॉट लगते ही बाघिन ने उसे खुद ही मुंह से निकाल दिया।

दीवार पर बेसुध रहने के बाद नीचे आकर भी बाघिन लड़खढाती रही। फिर उसे पिंजरे में कैद कर टीम साथ ले गई। इस दौरान लापरवाही भी उजागर हुई। बताते है कि एक व्यक्ति बाघिन के नजदीक जाकर उसे धक्का देने लगा। बाद में ग्रामीण को पुलिस ने हटाया।
बता दें कि टाइगर रिजर्व की माला रेंज से चार किलोमीटर दूर स्थित अटकोना गांव में बाघिन ने दस्तक दी। गांव के रहने वाले फार्मर सुखविंदर सिंह सोमवार रात को परिवार संग सो रहे थे। कुछ दूरी पर उनकी कार खड़ी हुई थी।

बताते हैं कि देर रात 12 बजे के बाद बाघिन उनके मकान में पहुंच गई।। कार पर छलांग लगाई तो आवाज हुई जिसके बाद परिवार वाले जाग गए। टार्च मारकर देखा तो मकान की दीवार पर बैठा देखा था। बाघिन की दस्तक का शोर मचते ही काफी भीड़ जमा हो गई।सूचना मिलने पर पुलिस और वन विभाग की टीम भी पहुंच गई।

मंगलवार सुबह तक बाघिन दीवार पर ही रही। वन विभाग की टीम ने खाबर लगाया। फिर रेस्क्यू शुरू किया गया। डॉक्टर दक्ष ने पहली डॉट चलाई जोकि मिस हो गई। फिर आठ मिनट बाद दूसरी डॉट लगी तो लेकिन बाघिन ने उसे मुंह से निकाल दिया। तीसरी डॉट भी मिस हो गई। अंत में चौथी डॉट लगी और बाघिन कुछ देर लड़खड़ाते हुए चली और फिर बेहोश हो गई। उसे पिंजरे में कैद कर टीम साथ ले गई। इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जुटी रही।
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