पीलीभीत: ग्रामीण के मकान की दीवार पर 10 घंटे से डेरा जमाए बैठा बाघ, आराम फरमाया तो कभी मारी दहाड़..जुटी भीड़

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Published By Vishal Singh
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पीलीभीत, अमृत विचार। जंगल से चार किलोमीटर दूर अटकोना गांव में बाघ आबादी में पहुंच गया। किसान के मकान की दीवार पर घंटों से डेरा जमाए बैठा है। कभी आराम फरमा रहा तो कभी दहाड़ मार रहा। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। वहीं, ग्रामीणों की भीड़ जुटी है।

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पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में पिछले कई दिनों से बाघों का आबादी में पहुंचने का सिलसिला जारी था। हंगामे और विरोध के बाद बाघ को पकड़ने की अनुमति भी मिल गई लेकिन टीम इसे लेकर असमंजस में आ गई कि आखिर किस बाघ को पकड़ना है। चूंकि कलीनगर तहसील क्षेत्र में दो से अधिक बाघ आबादी में दस्तक दे रहे थे। खरै, इस पर तो कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ी।

मगर बाघ ने नया ठिकाना जरूर बना लिया। टाइगर रिजर्व की माला रेंज से चार किलोमीटर दूर स्थित अटकोना गांव में बाघ ने दस्तक दी। गांव के रहने वाले फार्मर सुखविंदर सिंह सोमवार रात को परिवार संग सो रहे थे। कुछ दूरी पर उनकी कार खड़ी हुई थी। 

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बताते हैं कि देर रात 12 बजे के बाद बाघ उनके मकान में पहुंच गया। कार पर बाघ ने छलांग लगाई तो आवाज हुई जिसके बाद परिवार वाले जाग गए। टार्च मारकर देखा तो मकान की दीवार पर बाघ बैठा हुआ था। बाघ  की दस्तक का शोर मचते ही काफी भीड़ जमा हो गई।सूचना मिलने पर पुलिस और वन विभाग की टीम भी पहुंच गई। रात भी बाघ किसान के मकान की दीवार पर टहलता रहा। कभी सो जाता तो कभी बैठ जाता। मंगलवार को भी बाघ दीवार पर ही चलता फिरता-उठता बैठता रहा।

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बाघ को देखने के लिए आसपास के क्षेत्र से भी भीड़ पहुंचना शुरू हो गई। इसके वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किए जाने लगे। खास बात रही कि अमूमन शोर पर बाघ भाग जाता है, लेकिन यहां बाघ भीड़ और शोर के बीच दीवार पर ही डेरा जमाए हुए हैं।

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