Ayodhya Ram mandir : रामलला के सखा थे त्रिलोकी नाथ पांडेय, बेटे का छलका दर्द, कहा - मेरा निमंत्रण किया कैंसिल

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। राममंदिर/बाबरी मस्जिद विवाद में रामलला के सखा के रूप में त्रिलोकी नाथ पांडेय पक्षकार रहे हैं। आज जब भव्य राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है तो त्रिलोकी नाथ इस दुनिया में नहीं हैं। उनके परिवार का दुख यह है कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं मिला। निमंत्रण के लिए पहले कहा तो गया था, लेकिन अब त्रिलोकी नाथ पांडेय के पुत्र अमित का कहना है कि ‘मेरा निमंत्रण इन लोगों ने कैंसिल कर दिया है।’
     
विदित हो कि विहिप से जुड़े रहे त्रिलोकी नाथ पांडेय राममंदिर/ बाबरी मस्जिद विवाद में अहम किरदार रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में रामलला को जहां प्राण प्रतिष्ठित विग्रह माना वहीं त्रिलोकी नाथ पांडेय को रामलला का सखा मानकर मुकदमे में पक्षकार के रूप में स्वीकार किया था। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट से रामलला के पक्ष में फैसला भी आया। एक तरह से मुकदमें में जीत रामलला के सखा के रूप में त्रिलोकी नाथ पांडेय की भी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब बन रहे भव्य राम मंदिर में आगामी 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इसमें देश भर से विभिन्न वर्ग के लगभग आठ हजार विशिष्ट व अति विशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। 

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स्वर्गीय त्रिलोकी नाथ पांडेय के पुत्र अमित पांडेय की अमृत विचार से प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर बातचीत हुई। अमित का दुख ये है कि कारसेवकपुरम से फोन करके करीब 10-12 दिन पहले निमंत्रण भेजवाने के लिए मेरा पता आदि पूछा गया था, लेकिन अब तक निमंत्रण या फिर कोई मैसेज नहीं मिला। तब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने भी फोन करके कहा था कि आपका निमंत्रण जाएगा और आपको कार्यक्रम में रहना है। लेकिन अब पता किया तो जानकारी मिली है कि मेरा निमंत्रण इन लोगों ने कैंसिल कर दिया है। अमित ने बताया कि 15 दिन पहले मेरी माताजी किमला देवी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने भी गई थीं। गोरखनाथ मंदिर के एक प्रमुख कर्ताधर्ता द्वारिका तिवारी ने मिलवाने के लिए कहा था। माताजी तीन घंटे वहां रहीं, लेकिन मुख्यमंत्री दूसरे दरवाजे से निकल गए। भेंट नहीं हुई। अमित चाहते हैं कम से कम माताजी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित रहने का अवसर मिल जाए तो भी हम लोग अपने आप को धन्य समझेंगे। अमित ने कहा कि राम मंदिर विवाद में पिताजी को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के सखा के रूप में पक्षकार स्वीकार किया था और इसी आधार पर रामलला के पक्ष में फैसला आया था। 

वहीं इस बाबत विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि स्मृति शेष त्रिलोकी नाथ पांडेय राम मंदिर आंदोलन और मुकदमे में अहम भूमिका निभाने वालों में रहे हैं। उनको या उनके परिवार को कोई कैसे भूल सकता है। उन्होंने कहा कि निमंत्रण भेजा गया है।

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