मुरादाबाद : जेल की बढ़ी क्षमता, संभल के बंदी नहीं होंगे स्थानांतरित

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Published By Bhawna
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क्षमता बढ़ने और अमरोहा के बंदी बिजनौर स्थानांतरित होने के बाद जेल प्रशासन को मिली राहत

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिला कारागार की डेढ़ गुना क्षमता बढ़ा दी गई है। अब संभल के बंदी रामपुर की जेल में स्थानांतरित नहीं होंगे। क्षमता बढ़ने और अमरोहा के बंदी बिजनौर स्थानांतरित होने के बाद से जेल प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में बड़ी राहत मिल रही है। 

जिला कारागार प्रशासन जेल में क्षमता से तीन-चार गुना अधिक बंदी होने से व्यवस्थाओं को लेकर काफी परेशान होता रहा है। 717 बंदियों की क्षमता वाली इस जेल में कभी 3500 तो कभी 3700 से भी अधिक बंदी निरुद्ध रहे हैं। हालांकि वर्तमान में करीब ढाई हजार ही बंदी जिला कारागार में हैं। लेकिन अब इस जेल की क्षमता बढ़कर 1137 हो गई है। अब संभल जिले के बंदी भी रामपुर जिला कारागार में स्थानांतरित नहीं होंगे। इस अतिरिक्त व्यवस्था का लाभ संभल जिले के बंदियों और उनके परिवारों को मिलेगा।

क्षमता वृद्धि का श्रेय वरिष्ठ जेल अधीक्षक पवन प्रताप सिंह को जाता है। इन्होंने अभी साढ़े छह माह पहले ही मुरादाबाद में आकर जेल की कमान संभाली थी। उस दौरान जेल में काफी अव्यवस्थाएं थीं। जिसे उन्होंने दुरुस्त किया। सफाई से लेकर जेल की दीवारों और कार्यालयों का रंग-रोगन, साज-सज्जा के अन्य कार्य कराए हैं। बैरकों की मरम्मत कराई, जगह को बढ़ाने और बंदियों को सहुलियत देने के लिए उन्होंने प्रत्येक बैरक के अंदर दीवारों में स्लैब (रैक) बनवाए हैं। इससे हर बैरक में बंदियों के लेटने-बैठने की पर्याप्त जगह हो गई है। उधर, शुरूआती दौर में मुरादाबाद जिला कारागार में बंदियों की क्षमता 517 निर्धारित थी। इसके बाद इसे बढ़ाकर 717 किया गया था। 

23 बैरक में निरुद्ध हैं 2518 बंदी : मुरादाबाद जेल में 2,518 बंदी निरुद्ध हैं। इसमें 102 महिला बंदी हैं। बताया जा रहा है कि इस जेल का निर्माण 1888 में हुआ था। इस तरह यह जेल 135 साल पुरानी है। इसका क्षेत्रफल 5.51 एकड़ है। इसमें 23 बैरक हैं। इसमें तीन जिलों अमरोहा, संभल और मुरादाबाद के बंदी निरुद्ध किए जाते रहे हैं। लेकिन, अमरोहा के बंदियों को बिजनौर जेल में स्थानांतरण कर दिया गया था। तभी मुरादाबाद और संभल जिले के बंदी निरुद्ध हैं। संभल के बंदियों की संख्या करीब 500 है।

अमरोहा-संभल में हो रही नई जेल की व्यवस्था
जेल सूत्रों के मुताबिक, अमरोहा और संभल जिलों में जेल बनाने के लिए शासन ने बजट उपलब्ध करा दिया है। अमरोहा में जेल निर्माण के लिए जमीन की तलाश हो रही है, जबकि संभल में जमीन उपलब्ध हो चुकी है। इसकी रजिस्ट्री भी हो गई है। दोनों जिलों में जेलों का निर्माण होने के बाद बंदियों के निरुद्ध करने की दिक्कत कम हो जाएगी।  

जेल में क्षमता से कई गुना अधिक बंदी निरुद्ध थे। बैरकों में इनके रहन-सहन में दिक्कत आ रही थी। इसलिए दीवारों से जोड़कर स्लैब बनाए गए, जिसका काफी सार्थक लाभ मिला है। नई व्यवस्था कारगार होते देख क्षमता को बढ़ाने के लिए मुख्यालय से पत्राचार किया था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। इसलिए अब संभल के बंदियों को अन्य जेल में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। - पवन प्रताप सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

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