हल्द्वानी: चाय की दुकान में फटा सिलेंडर, जलकर राख हुआ मानसिक बीमार
बुधवार रात करीब 12 बजे हिम्मतपुर मल्ला में घटी घटना, पिता ने भाग कर बचाई जान, नही बचा सका बीमार बेटा
हल्द्वानी, अमृत विचार। दीपावली की रात धधके कुमाऊं टेंट हाउस के गोदाम में तीन मौतों को लोग अभी भूले भी नहीं थे कि बुधवार रात एक और बड़ा हादसा हो गया। चाय की दुकान में आधी रात आग लग गई और घरेलू गैस सिलेंडर फट गया। इस भयावह घटना में दुकान के अंदर फंसे मानसिक बीमार युवक की मौत हो गई। जब उसे दुकान से बाहर निकाला गया तो वह लगभग पूरी तरह जल चुका था।
मूलरूप से रायपुर नगीना बिजनौर उत्तर प्रदेश निवासी नरेश कुमार हिम्मतपुर मल्ला भगवानपुर मुखानी में चाय की दुकान चलाते हैं। यहां उन्होंने धर्मेंद्र कुमार से दो दुकानें किराए पर ली हैं, जिसके एक हिस्से में दुकान और दूसरे हिस्से में मानसिक बीमार बेटा गौरव (21 वर्ष) रहता है। बताया जाता है कि बुधवार की रात काम खत्म होने के बाद नरेश दुकान में और गौरव दुकान से लगे दूसरे हिस्से में सो गया।
रात करीब 12 बजे अचानक दूसरे हिस्से वाली दुकान में आग लग गई। कुछ युवकों ने लपटें देखी तो शोर भी मचाया, लेकिन नरेश को यह मजाक लगा। कुछ देर बाद आग भड़की तो बात हाथ से निकल चुकी थी। गौरव आग की लपटों से घिर चुका था और नरेश ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।
आनन-फानन में लोगों ने इसकी सूचना पुलिस और दमकल को दी। साथ ही आग बुझाने की कोशिश में जुट गए। कुछ ही देर में दमकल मौके पर पहुंच गई। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर पूरी तरह काबू पा लिया, लेकिन तब तक दुकान के दोनों हिस्से जल कर राख हो चुके थे। गौरव को भी जब पुलिस और दमकल कर्मियों ने बाहर निकाला तो वह भी लगभग पूरी तरह जल चुका था। दमकल अधिकारियों ने प्राथमिक जांच में शार्ट सर्किट की वजह से आग का अंदेशा जताया है।
गंदगी करता था तो रखा था अलग कमरे में
हल्द्वानी : नरेश ने गौरव की मानसिक हालत शुरू से ठीक नहीं थी। हाई स्कूल करने के बाद उसकी स्थिति और बिगड़ गई। स्थिति यह हो गई कि उसे खाना भी अपने हाथ से खिलाना पड़ता था। वो कपड़ों में ही गंदगी कर देता था, जिसे खुद ही साफ करना पड़ता था। इसी वजह से दूसरी दुकान किराए पर लेकर उसे वहां रखा। ताकि दुकान आने वाले ग्राहक गंदगी देख वापस न चले जाएं, लेकिन पता नहीं था कि ऐसा हो जाएगा।
पत्नी की मौत के बाद साथ ले आए बेटा
हल्द्वानी : मृतक गौरव के पिता नरेश ने बताया कि वर्ष 2015 में उसकी पत्नी की मौत हो गई थी। जिसके बाद वह गौरव व उसके भाई को हल्द्वानी ले आए। करीब छह माह पहले गौरव का भाई पंकज काम करने दुबई चला गया और वह यहां रहकर चाय की दुकान चलाने व गौरव की देखरेख करने लगे। गौरव ने वर्ष 2018 में हल्द्वानी से हाईस्कूल किया। इसी के बाद से उसकी मानसिक स्थिति और बिगड़ने लगी।
